मुंबई, (mediasaheb.com) | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज सरकार के लिए एक बड़े अप्रत्याशित लाभ के रूप में लेखांकन वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को “अधिशेष” के रूप में लगभग 2.11 लाख करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।
लेखांकन वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान, मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 महामारी के हमले के कारण, बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) को रिज़र्व बैंक की बैलेंस शीट आकार के 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था। वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास में पुनरुद्धार के साथ, सीआरबी को बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया गया।
बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआरबी को 6.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके बाद बोर्ड ने लेखा वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी। इससे केंद्र सरकार को अपनी सामाजिक कल्याण योजनाओं को जारी रखने में मदद मिलेगी,। वर्ष (2023-24) के लिए हस्तांतरणीय अधिशेष मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा करने के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुसार 26 अगस्त, 2019 को रिज़र्व बैंक द्वारा अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर निकाला गया है। ऐसी उम्मीद थी कि आरबीआई 1 लाख करोड़ रुपये तक का अधिशेष हस्तांतरित करेगा लेकिन वास्तविक आंकड़ा उम्मीद से कहीं अधिक है। (वार्ता)