भोपाल, (mediasaheb.com) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का विरोध करने वाले विधायकों के परिवारों को डराने, धमकाने और प्रलोभन देने वाले लोगों को बख्शा नही जायेगा।
भाजपा की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री चौहान ने कहा कि उनके पास कुछ ऐसे अधिकारियों की जानकारी आ रही है, जो कमलनाथ सरकार का विरोध करने वाले विधायकों के परिवारजनों से संपर्क कर सरकार के पक्ष में खड़े होने के लिए दबाव डाल रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्य करें और राजनीतिक क्षेत्र में अनैतिक दखलअंदाजी करने से बचें।
बंगलूर में मौजूद विधायक दबाव में बोल रहे है – शर्मा
बंगलूर में मौजूद कांग्रेस के त्यागपत्र दे चुके लगभग 22 विधायकों के आज मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर जमकर आरोप
लगाने के बाद यहां जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने दावा किया कि ये विधायक दबाव
में बोल रहे हैं।
श्री शर्मा ने यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों
से चर्चा में कहा कि 22 में से छह विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार
हो चुके हैं और वे कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे। कुछ दिनों पहले तक तो वे
मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके कार्याें की जमकर प्रशंसा करते थे, लेकिन अब क्या हो गया, जो उन्हीं
मुख्यमंत्री के खिलाफ बोल रहे हैं। इसकी वजह साफ है कि ये विधायक और पूर्व विधायक
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव में हैं। इस मौके पर इन पूर्व मंत्रियों के
कुछ वीडियो भी दिखाए गए, जिनमें वे कमलनाथ सरकार की प्रशंसा कर
रहे हैं।
श्री शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि यदि ये विधायक मध्यप्रदेश
आ जाएं और स्वतंत्र रूप से रहकर विचार करेंगे, तो फिर से
कमलनाथ सरकार को न सिर्फ समर्थन करेंगे, बल्कि फिर
से उनकी प्रशंसा करेंगे। बहुमत साबित करने के निर्देश संबंधी सवाल पर श्री शर्मा
ने कहा कि अभी ‘फ्लाेर’ ही पूरा
नहीं है, तो फिर फ्लोर टेस्ट कैसा। श्री शर्मा ने
कहा कि मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं, कि पहले
बंगलूर में बंधक विधायकों को यहां लाया जाए।
राज्य से संबंधित मौजूदा मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंचने
के संबंध में श्री शर्मा ने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा विश्वास है।
वहां से जो नोटिस या आदेश आएगा, उसका पूरा
पालन किया जाएगा।
श्री शर्मा ने राज्य की कमलनाथ सरकार की ओर से लगभग पंद्रह
माह में उठाए गए कदमों के बारे में बताया और कहा कि उन्होंने अादिवासियों, किसानों और अन्य सभी वर्गों के हित में बहुत कुछ किया है।
इसके पहले आज बंगलूर में कांग्रेस के बागी हुए और विधानसभा से
त्यागपत्र दे चुके 22 विधायकों ने मीडिया के सामने कहा कि वे
बगैर किसी दबाव के अपनी स्वेच्छा से बंगलूर आए हुए हैं। सभी ने कमलनाथ सरकार से
नाराजगी की वजह भी बतायीं और पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ
देने की बात दोहरायी। विधायकों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ मिलने के लिए
समय नहीं देेते हैं। उनके क्षेत्रों के कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं।
इन 22 विधायकों ने दस मार्च को त्यागपत्र
अध्यक्ष को भेजे थे, जिनमें से छह के स्वीकार कर लिए गए हैं।
शेष विधायकों से अध्यक्ष रूबरू मिलना चाह रहे हैं। इसके बाद उनके बारे में फैसला
देने की बात कही है।(वार्ता)