नई दिल्ली, (mediasaheb.com) सुप्रीम कोर्ट रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के खिलाफ अवमानना याचिका पर 11 अप्रैल को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सिंगापुर ट्रिब्यूनल में तय साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये जापानी कंपनी दायची सैंक्यो को भुगतान करने के संबंध में पेश योजना पर निराशा जाहिर की थी। अगर सुनवाई के दौरान कोर्ट दोनों को अवमानना का दोषी पाता है तो दोनों को जेल भेजा जा सकता है। 14 मार्च को मलविंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अब व्यवसाय उनके भाई शिवेंद्र सिंह चला रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा था कि आपने व्यवसाय छोड़ दिया है वो तो ठीक है लेकिन आप ये बताएं कि आप सिंगापुर ट्रिब्यूनल में तय साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये कैसे चुकाएंगे।
कोर्ट ने कहा था कि यह व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है ये देश की प्रतिष्ठा का सवाल है, क्योंकि फैसला सिंगापुर ट्रिब्यूनल ने किया है। कोर्ट ने दोनों भाइयों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आप 28 मार्च तक ये रकम चुकाने की विस्तृत योजना नहीं बताते हैं तो ये आपका कोर्ट में पेश होने का अंतिम दिन हो सकता है। सिंगापुर ट्रिब्यूनल के आदेश को लागू करने के लिए दायची सैंक्यो ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस अवार्ड की रिकवरी के आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोनों भाइयों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दायची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था और 2005 में सन फार्मास्युटिकल के साथ विलय कर लिया था।(हि.स.)।