रायपुर, (media saheb) छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुचर्चित नान घोटाले में आरोपियों के पास से जब्त किए गए पेनड्राइव की जांच कराने की मांग न्यायालय से की है। इस संबंध में गुरुवार को सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता सुधीर वर्मा ने गुरुवार को न्यायालय में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने स्पेशल मजिस्ट्रेट लीना अग्रवाल की अदालत में इसे न्यायहित में कराया जाना जरूरी बताया है। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि इसे वह जांच के लिए गठित की गई एसआईटी टीम को सौंप दें या स्वयं इसकी जांच सीएफएसएल लैब में कराएं। अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता सुधीर वर्मा की दलील को स्वीकार कर लिया है और इस मामले में 4 फरवरी को अपना आदेश सुनाएगी।
उल्लेखनीय है कि नान घोटाले की जांच के बाद ईओडब्ल्यू द्वारा 6 पेन ड्राइव कोर्ट में जमा कराए गए हैं। जिसे आरोपी के के बारीक एवं गिरीश शर्मा के पास से जब्त किया गया था। इसकी जांच कराए जाने को लेकर एसआईटी की ओर से 11 जनवरी को आवेदन लगाया गया था लेकिन इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा दोबारा आवेदन लगाए जाने पर इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और गवाहों को समन्स जारी कर दिया गया है। नान घोटाले में अब तक 78 गवाहों के बयान लिए जा चुके हैं। (हि.स.)।