रायपुर(media saheb.com) कन्फेडरेशन
ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर
गिदवानी,
प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र
दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु
माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय
चौंबे ने बताया कि देश भर के व्यापारी कोविड महामारी के कारण भारी धन संकट और
दिवाली उत्सव के मद्देनजर सामाजिक और वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के साथ-साथ
बेहद दबाव के कारण अपने व्यापार में बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, वर्तमान दिवाली त्यौहारी सीजन के मद्देनजर देश भर के
बाजारों में ग्राहकों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए व्यापारी वर्ग एक
बड़े कारोबार की उम्मीद कर रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) को
उम्मीद है कि दिवाली त्योहार की बिक्री अवधि के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा खर्च के
माध्यम से अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख
करोड़ रुपये की पूँजी का प्रवाह हो सकता है। कैट ने कहा कि पिछले साल की तरह
इस साल भी कैट ने ’चीनी सामानों के बहिष्कार’ का आह्वान किया है और निश्चित रूप से देश के
व्यापारियों एवं आयातकों ने चीन से आयात बंद कर दिया है जिसके कारण इस दिवाली
त्यौहारी सीजन में चीन को करीब 50 हजार करोड़ रुपये का
व्यापार घाटा होने वाला है। एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि पिछले साल से
उपभोक्ता भी चीनी सामान खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं जिसके कारण भारतीय
सामान के मांग बढ़ने की पूरी सम्भावना है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं
प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड
ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही में विभिन्न राज्यों के 20 शहरों को जिन्हे कैट ने “वितरण शहर“ का
दर्जा दिया हुआ है, में किए गए एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है की
इस वर्ष अभी तक भारतीय व्यापारियों या आयातकों द्वारा दिवाली के सामान, पटाखों या अन्य समान वस्तुओं का कोई ऑर्डर चीन को
नहीं दिया गया है और इस साल दीवाली को विशुद्ध रूप से “हिंदुस्तानी दिवाली“ के रूप
में मनाया जाएगा।
ये 20 शहर नई
दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बंगलुरू, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू हैं। हर साल राखी से नए साल तक के 5 महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और
निर्यातक चीन से लगभग 70 हजार रुपये का माल आयात करते हैं। चीनी सामानों के
बहिष्कार का कैट का आह्वान इस वर्ष चीनी व्यापार के लिए एक बड़ा झटका होने
वाला है तथा इस मांग की पूर्ती के लिए देश भर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों
में भारतीय सामान का पर्याप्त बंदोबस्त कर लिया है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि इस वर्ष राखी
उत्सव के दौरान चीन को लगभग 5000 करोड़ रुपये का भारी
नुकसान हुआ और गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ
और यही प्रवृत्ति दिवाली में भी देखे जाने के चलते यह स्पष्ट रूप से इंगित होता है
कि यह न केवल व्यापारी हैं जो चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं बल्कि उपभोक्ता
भी चीन से बने उत्पादों को खरीदने के इच्छुक नहीं हैं। यह प्रधान मंत्री श्री
नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया“ और “आत्मनिर्भर भारत“ की
दिशा में व्यापारिक समुदाय का एक मजबूत और ठोस योगदान है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की प्रमुख
रिटेल सेक्टर जैसे :- एफएमसीजी सामान, कंज्यूमर
ड्यूरेबल्स, खिलौने, कंज्यूमर
इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज और सामान, किचन के सामान और एक्सेसरीज, गिफ्ट आइटम, पर्सनल
कंज्यूमेबल्स, कन्फेक्शनरी आइटम, होम
फर्निशिंग, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, फुटवियर, घड़ियां, फर्नीचर
और फिक्सचर, वस्त्र, फैशन
परिधान, कपड़ा, घर की
सजावट के सामान, मिट्टी के दीयों सहित दिवाली पूजा के सामान, देवता, दीवार
पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, वस्त्र, शुभ-लाभ, ओम
जैसे सौभाग्य के प्रतीक, गृह सज्जा के लिए देवी लक्ष्मी एवं अन्य देवी देवताओं
के बनाया गए सामान, सजावटी वस्तुएं आदि प्रमुख क्षेत्र हैं जहां चीनी
सामानों के स्थान पर व्यापारियों ने उपभोक्ता की मांगो के अनुरूप भारतीय सामान को
पर्याप्त मात्रा में स्टॉक कर लिया है।(For English News : thestates.news)
कैट द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार आव्हान के चलते त्यौहारी सीजन में चीन को 50 हजार करोड़ रुपये के व्यापार के नुक्सान का अनुमान
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