(media saheb)मंगलवार को भी होगी पूछताछ कोलकाता, अरबों रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में कथित तौर पर साक्ष्यों को मिटाने के आरोप में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चल रही पूछताछ के तीसरे दिन कुमार ने सीबीआई को अहम जानकारियां दी हैं। सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि सोमवार को कुणाल घोष के साथ आमने-सामने बैठाकर हो रही पूछताछ में राजीव कुमार ने स्वीकार कर लिया है कि जब उन्होंने चिटफंड मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की अध्यक्षता की थी, तब जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए थे जिसमें कई शीर्ष नेताओं और मंत्रियों के चिटफंड घोटाला मामले में शामिल होने के साक्ष्य मिले थे।
हालांकि राजीव कुमार ने यह भी दावा किया है कि उन साक्ष्यों से किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ की गई है, ऐसा वह नहीं जानते हैं। इस बीच सीबीआई की टीम ने तय किया है कि उनसे चौथे दिन भी पूछताछ होगी। सीबीआई सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मंगलवार को एक बार फिर राजीव कुमार को शिलांग स्थित सीबीआई दफ्तर में पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है। सोमवार सुबह जैसे ही राजीव कुमार से पूछताछ शुरू हुई थी, उन्होंने जांच अधिकारियों से कहा था कि उन्हें आज पूछताछ के बाद कोलकाता जाने की इजाजत देनी चाहिए, क्योंकि मंगलवार से पूरे राज्य में माध्यमिक की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं और सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है।
इसके अलावा सीबीआई अधिकारियों के साथ गत तीन फरवरी को उनके आवास के बाहर हुई हाथापाई की घटना में उन्हें रिपोर्ट बनाकर न्यायालय में पेश करनी है जो अभी तक बनी नहीं है। इसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि सीबीआई आज की पूछताछ के बाद उन्हें वापस कोलकाता लौटने की इजाजत दे सकती है। लेकिन अब केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के हवाले से स्पष्ट कर दिया गया है कि मंगलवार को भी राजीव कुमार से पूछताछ होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गत नौ फरवरी से ही राजीव कुमार से शिलांग के सीबीआई दफ्तर में लगातार पूछताछ हो रही है। पहले दिन उनसे 8:30 घंटे पूछताछ हुई थी। दूसरे दिन 12 घंटे और आज तीसरे दिन भी 10 घंटे से अधिक पूछताछ हुई है। अब मंगलवार को भी उनसे सवाल जवाब किया जाएगा। इस बीच रविवार और सोमवार को तृणमूल के निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष के साथ आमने-सामने बैठाकर उनसे पूछताछ हुई है।
घोष वह शख्स हैं जिन्होंने लंबे समय से दावा किया है कि चिटफंड घोटाला मामले के साक्ष्यों को मिटाने में पुलिस के अधिकारियों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। साल 2013 में जब चिटफंड घोटाला मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, तब सबसे पहले एसआईटी ने कुणाल घोष को ही गिरफ्तार किया था। बाद में सीबीआई ने उन्हें अपने हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ की थी और फिलहाल वह जमानत पर रिहा हैं। सीबीआई के समन पर 10 फरवरी से वह भी शिलांग में मौजूद हैं और राजीव कुमार के साथ बैठा कर उनसे पूछताछ हो रही है। इस बीच राजीव कुमार के साथ उन्हें आमने-सामने बैठाकर हुई पूछताछ में भी सीबीआई ने कुणाल घोष के दावे को परखने की कोशिश की है। हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जांच एजेंसी किस नतीजे पर पहुंची है।(हि.स.)।