रायपुर, (mediasaheb.com)। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मंगलवार को बिलासपुर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में ऑनलाइन डिग्री (Online Degree at Atal Bihari Vajpayee University) देने की प्रणाली का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने यहां माईक्रो बॉयोलॉजी और बायो इनफारमेटिक्स (Micro Biology and Bio Informatics) के ऑनलाइन डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ करते हुए डिप्लोमा कोर्स के ब्रोशर तथा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह पर आधारित न्यूज लेटर का विमोचन किया।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर मंथन करना बेहद जरूरी है। विश्वविद्यालयों को भी चाहिए कि वे तक्षशिला और नालंदा जैसी गरिमा हासिल करें। इसके लिए यह प्रयास करें कि उच्च शिक्षा की पहुंच सभी वर्गों तक हो और गुणवत्तापूर्वक हो। उन्होंने सभी को संविधान दिवस की शुभकामनाएं भी दी।
राज्यपाल ने कहा कि, हमारे देश में उच्च शिक्षा का विकास हो रहा है और पहले की अपेक्षा विश्वविद्यालयों की संख्या भी बढ़ रही हैं। आवश्यकता इस बात कि है कि विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्तायुक्त हों। यह प्रयास करें कि सभी वर्गों तक उच्च शिक्षा की पहुंच हो। उन्होंने उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाने की आवश्यकता व्यक्त की। इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि नये भारत का निर्माण हो रहा है। इसलिए यह आवश्यक है कि ऐसी नई पीढ़ी तैयार करें जो देश की प्रगति में अपना योगदान दे सके। हम भविष्य की नई उच्च शिक्षा नीति बनाने की तैयारी कर रहे हैं और यह तभी संभव होगा जब हमारे विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो।
राज्यपाल ने कहा कि प्राध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों में यूनिफार्म सिस्टम बनाए जाने की आवश्यकता है, जिससे शीघ्र नियुक्तियां हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या के आधार पर रिक्तियों की समीक्षा करने एक राष्ट्रीय मानदंड निर्धारित किया जाना चाहिए। राज्यपाल में परंपरागत पाठ्यक्रम के बजाय वर्तमान समय की आवश्यकता एवं मांग पर आधारित हों और पाठ्यक्रम को बीच-बीच में अपडेट करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध में ऐसे विषय शामिल किए जाएं, जो सामयिक हों एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के हों तथा शोधों की आउटपुट की समीक्षा भी की जानी चाहिए।
राज्यपाल ने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन के विस्तारित कक्षों का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने विश्वविद्यालयों में एच.आर.डी. सेल प्रारंभ करने तथा अन्य महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
अटल बिहारी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जी.डी. शर्मा ने कहा कि सेन्ट्रल जोन के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं, जो उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने में सहायक सिद्ध होगी।
उल्लेखनीय है कि सेन्ट्रल जोन के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का सम्मेलन ‘‘इम्पू्रविंग एक्सेस एंड गवर्नेंस रिफार्म इन इंडियन हायर एजुकेशन’’ (Improving Access and Governance Reform in Indian Higher Education)पर आधारित रही। इस मौके पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष अंजनी शुक्ला तथा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुधीर शर्मा उपस्थित थे। (हि.स.)