भोपाल (media saheb.com)| भोपाल निवासी भारती संतोष बढ़ाई इनका कहना है कि, नारी संसार में शक्ति का रूप है, इसलिए तो भगवान ने सृष्टि को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी नारी को प्रदान की है | सृष्टि की रचना नारी के बगैर अधूरी है | नारी कोमल है, नाजुक और सहनशील है इसलिए वह एक नए जीव को पैदा करने की क्षमता रखती है | नारी का गहना लज्जा धैर्य त्याग सहनशीलता और बुद्धिमत्ता है | अगर आज के युग में नारी अपने इन गहनों को संभाल कर संसार में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ती है तो वह नारी एक आदर्श नारी कहलाती है और उसका नाम एक महान स्त्री में होता है | कोई भी नारी जन्म से कभी अच्छी या बुरी नहीं होती उसकी मजबूरी उसे बुरे काम की ओर ले जाती है, इसलिए किसी भी नारी को गिरे हुए शब्द में बोलने से पहले यह सोचे कि उस कार्य को करने में उसकी क्या मजबूरी है | ऐसे स्त्री को सहारा दे, उसकी हंसी उड़ाने के बजाय उसकी मदद करें|
एक अच्छी स्त्री वही होती है जो सामाजिक रिश्ते निभाने में सफल हो | जैसे कि अपने परिवार, पड़ोसी, मित्र, बाल बच्चों के साथ रिश्ते निभाने में हमें कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए अपनी बोली को नाप तोल कर बोले टूटे रिश्ते बचाना चाहिए और आसपास का वातावरण खुशहाल रखना चाहिए | खुश रहने से भांति भांति के रोग दूर हो जाते हैं जैसे की बीपी, टेंशन ,डायबिटीज नारी में सभी गुण मौजूद होते हैं| अब यह उसे सोचना है कि वह कौन सा गुण कहां उपयोग करें अंत में मेरा यही कहना है कि, एक आदर्श नारी की तरह अपने रिश्ते नाते निभाए खुशहाल जिंदगी जिए और दूसरों को भी जीने दे | जहां ईर्ष्या द्वेष लड़ाई झगड़े की कोई जगह ना हो सब खुश रहे | एक आदर्श नारी सब पर भारी…