प्राण ((पुण्यतिथि
)


प्राण साहब ने ब्लैक एंड वाइट से कलर फ़िल्म तक एक लम्बा दौर देखा है और जिया है,करीब 380 से अधिक फिल्मों में शानदार अभिनय,उनकी एक्टिंग का लोहा हर कोई मानता है.. एक बात और जो शायद आप सब ने ध्यान दी होगी, हर फ़िल्म उनका चरित्र, उसका पहनावा,डायलॉग की अदायगी, हेयर स्टाइल सब अलग होता था.. ये बताता है की वो कितने महान अभिनेता थे, हर बार कुछ नया, सच्चे अर्थो में बहुमुखी (versatile) प्रतिभा शुरुवात तो बतौर हीरो ही की थी, पर सफलता मिली विलेन के रोल में, हर बार अलग और कुछ नया मधुबाला, नया दौर या राज कपूर साहब की जिस देश गंगा बहती है का राका डाकू , फ़िल्म कालिया के जेलर…

इस के बाद उन्हें बहुत ही उम्दा रोल ऑफर हुए
नेपाली शेरपा का रोल कॉमेडी करते हुए फ़िल्म कसौटी (1974)में प्राण साहब
और सब से यादगार रोल, जिस के लिए प्राण साहब हमेशा याद किए जाएंगे
फ़िल्म जंजीर(1973) में पठान शेरखान का रोल..

तीन बार फ़िल्म फेयर, पद्मभूषण और 2013 में दादा साहब फाल्के अवार्ड
उनका कद, उनकी उपलब्धि और एक शानदार फ़िल्मी कैरियर..
प्राण का हिंदी सिनेमा में छह दशक का करियर रहा और वे इंडस्ट्री के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक हैं, कहा जाता है कि उनका अभिनय इतना प्रभावशाली था कि लोगों ने उनके नकारात्मक किरदारों के कारण अपने बच्चों का नाम “प्राण” रखने से परहेज किया, जबकि इंडस्ट्री ने उन्हें “प्राण साहब” कहना शुरू कर दिया था उनकी पसंदीदा लाइन “बरखुरदार” बेहद लोकप्रिय रही |प्राण साहब को प्रणाम 

*संजय अनंत ©*