700 गायक-वादकों के स्वर लहरी से गुलजार हुई शाम स्व. राज कपूर की जन्म शताब्दी और भारत रत्न लता मंगेशकर की स्मृति में संगीतमय श्रद्धांजलि
पुणे (mediasaheb.com), | पखवाज की लय, तबले की थाप, वायलिन और गायकों की मधुर ध्वनि तथा भारत माता की वंदन के नृत्य से हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. इस शाम को 700 से अधिक गायकों और वादकों द्वारा प्रस्तुत संगीतमय श्रद्धांजलि वंदन भारतमाता को दी. देश में पहली बार माइर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी और एमआईटी आर्टस डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वंदन भारतमाता को कार्यक्रम में 700 से अधिक गायक वादक एक साथ आए और विश्वराज बाग लोणी कालभोर में प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में संगीत साधान से ईश्वर दर्शन और शांत रस का अनुभव मिला. जिसे उपस्थित लोगों को आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ. यह कार्यक्रम राजकपूर की जन्म शताब्दी और भारत रत्न लता मंगेशकर की स्मृति में एक संगीतमय श्रद्धांजलि थी.
कार्यक्रम की शुरूआत भारतीय संगीत के शिखर माने जाने वाले प्राचीन वाद्य पखवाज के प्रदर्शन से हुई. पं. उध्दवबापू आपेगांवकर ने समारोह की शुरूआत पखवाज वाद्य से की, जो शिव और गणपति की पूजा और तांडव नृत्य के लिए प्रयुक्त किया जाता है. लगभग सैकडों संगीतकारों ने अपने धुनों और लय से श्रोताओं को आनंदित किया. प्रसिद्ध तबला वादक गणेश तनावडे के निर्देशन में टीम ने तबले की थाप पर पूरे दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया. उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. यह परफॉर्म्स स्व. पं. जाकिर हुसैन को समर्पित किया गया. वायलिन वादक तेजस उपाध्ये ने ऐसा महसूस किया जैसे उन्होंने अपने वादन से दर्शकों के दिलो की तार छेड दी.
इस अवसर पर उपस्थित सैकड़ों गायकों ने राजकपूर को याद किया और सजन रे झूठ मत बोलो, मेरा जूता है जापानी, जिस देश में गंगा बहती जैसे गीत प्रस्तुत किए. इस बार कलाकार ने मेरा जूता है जापानी गीत पर प्रस्तुति दी. यहां विद्यार्थियों ने वंदे मातरम गीत पर भारत माता को समर्पित नृत्य प्रस्तुत किया. अंत में 700 से अधिक गायकों और वादकों द्वारा ऐ मेरे वतन के लोगों गीत प्रस्तुत किया गया. जिसे सुनकर श्रोताओं की आंखों में आंसू आ गए.
कार्यक्रम का समापन कुछ भजनों और वारकरी संप्रदाय द्वारा सामूहिक पसायदान के साथ हुआ, जो एमआईटी संस्थान की आस्था और भक्ति है. प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा.कराड ने कहा, संगीत साधना से ईश्वर दर्शन और शांति का अनुभव कराने वाला यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, परंपरा और दर्शन का प्रती है. भारत माता को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम आंतरिक संतुष्टि लेकर आया है. आज यहां मैने ईश्वर का अनुभव किया है.
कार्यक्रम में योगी अमरनाथ, प्रसिद्ध उद्योगपति फिरोज और लीला पूनावाला, डॉ. गोयल, डॉ. बत्रा और विनोद शहा के साथ साथ शैक्षणिक, राजनीतिक, सामाजिक, औद्योगिक, आर्थिक एवं अन्य क्षेत्रों से जुड़े सैकड़ों नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे. इसके अलावा, एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, तुलसीराम कराड, काशीराम कराड, उषा विश्वनाथ कराड, डॉ सुचित्रा कराड नागरे, प्रो. स्वाति कराड चाटे, ज्योति कराड ढाकणे, पूनम नागरगोजे सहित पूरा कराड परिवार बडी संख्या में उपस्थित थे.
इसी प्रकार एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, प्रो. वाइस चांसलर डॉ. मिलिंद पांडे, डॉ. संजय उपाध्ये, दूरदर्शन के पूर्व निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा, आदिनाथ मंगेशकर उपस्थित थे. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन प्रो.डॉ.मिलिंद पांडे, डॉ. मिलिंद पात्रे और डॉ. शालिनी टोम्पे ने किया.