फुजाइराह(रियाद)/नईदिल्ली,(mediasaheb.com) अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे तनाव के दौरान सऊदी अरब के दो तेल टैंकरों पर रविवार को हमला किया गया है। हालांकि इसमें किसा के हताहत होने की खबर नहीं है। पर टैंकरों को भारी नुकसान होने की बात कही गई है। यह हमले संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) के तटवर्तीय क्षेत्र में किए गए हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मॉस्को की निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। अब वह ईरान पर यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ वार्ता के लिए ब्रसेल्स चले गये हैं।
इस क्षेत्र में ईरान की धमकियों को देखते हुए अमेरिका विमान वाहक पोत और बी-2 बमवर्षक विमानों की तैनाती कर रहा है । उसने चेतावनी दी है कि ईरान और उसके मददगारों को लक्ष्य किया जा सकता है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने चेतावनी मिलते ही बैठक बुलाई ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि इन टैंकरों के साथ वास्तविकता में हुआ क्या था। उन्होंने कहा कि इस घटना के बारे में और जानकारी मिलनी चाहिए। उन्होंने खाड़ी के समुद्र में पोतों पर हमले को चिंताजनक बताते हुए सोमवार को इसकी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि ओमान के सागर में हुई घटनाएं चिंताजनक और अफसोसनाक हैं।
मौसवी ने आगाह किया कि बुरा चाहने वाले क्षेत्रीय सुरक्षा को बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने इसके लिए क्षेत्रीय देशों से सतर्कता बढ़ाने की बात कही। महत्वपूर्ण बात यह है कि सऊदी अरब, इराक,यूएई, कुवैत, कतर और ईरान से भी ज्यादातर तेल का निर्यात हॉर्मूज जलडमरूमध्य से होता है और यह आंकड़ा कम से कम 15 मिलियन बैरल्स प्रतिदिन है।
यूएई के क्षेत्रीय सहयोगियों ने भी तेल टैंकरों पर हुए हमले की निन्दा की है। यूएई ने यह नही बताया है कि घटना के पीछे कौन जिम्मेदार हो सकता है। हालांकि पूर्व में अमेरिका ने आगाह किया था कि ईरान क्षेत्र में समुद्री यातायात को निशाना बनाया जा सकता है।
छह देशों वाली खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जयानी ने कहा कि ऐसी गैर जिम्मेदाराना हरकतों से क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा जो संघर्ष का रूप ले सकता है। बहरीन, मिस्र और यमन की सरकारों ने भी इस हमले की निंदा की है।
ब्रिटेन ने अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने पर खाड़ी में संघर्ष पैदा होने के खतरे को लेकर सख्त चेतावनी दी है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमें शांति की जरुरत है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ईरान को फिर से परमाणु सशस्त्रीकरण की राह पर नहीं भेजे क्योंकि अगर ईरान परमाणु शक्ति बनेगा तो उसके पड़ोसी भी परमाणु शक्ति बनना चाहेंगे।’’
तेहरान ने हमलों को ‘‘चिंताजनक’’ बताते हुए जांच का आह्वान किया है और समुद्री सुरक्षा को बाधित करने को लेकर आगाह किया है।
सऊदी अरब ने संयुक्त अरब अमीरात के तटीय क्षेत्र में वाणिज्यिक एवं असैन्य जहाजों को निशाना बनाए जाने की निंदा की। उसने रविवार को कहा कि अमीरात तट पर तोड़फोड़ की कार्रवाई में विभिन्न देशों के चार वाणिज्यिक पोतों को निशाना बनाया गया।
उल्लेखनीय है कि साल 2015 में अमेरिका और ईरान के बीच उस समय तनाव उत्पन्न हुआ था जब ईरान ने विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौता किया था।यह समझौता अमेरिका के प्रतिबंधो को रोकने के लिए किया था जिनकी वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था को गम्भीर संकट उत्पन्न हो गया था। हि.स.