कितने हिन्दुओ को बलोचिस्तान स्थित सबसे जागृत शक्ति पीठ माँ हिंगलाज याद है?? शायद नई पीढ़ी तो नाम भी न सुनी हो । हम छोड़ आए ,हार आए इस शक्ति पीठ को बलोचिस्तान जो अब पाकिस्तान के कब्जे में है । कभी हमारे साधु संत भी याद करते है इस पीठ को ?पाकिस्तान के नाजायज कब्जे वाले बलोचिस्तान ( मकराना ) हिंगोल नदी के तट पर स्वयं भू , ५२ शक्तिपीठों में सबसे पवित्र व जागृत जिसे हम और हमारे धर्माचार्य भूल गए । वैष्णव देवी जाने वालो कभी माँ हिंगलाज की जय के जयकारे भी लगा लेना । यहाँ सती का सिर (ब्रम्हरंध) गिरा था | सिंध , राजस्थान , गुजरात में बसे करोडो परिवारों की कुलदेवी आज परतंत्र है | देवी साधक जाने माँ का मंत्र
ॐ हिंगुले परमहिंगुले अमृतरूपिणि तनुशक्ति
मनः शिवे श्री हिंगुलाय नमः स्वाहा
पुराणों में हिंगलाज पीठ की अतिशय महिमा है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि हिंगुला देवी के दर्शन से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है। बृहन्नील तंत्रानुसार यहां सती का ब्रह्मरंध्र गिरा था। यहां पर शक्ति ‘हिंगुला’ तथा शिव भीमलोचन हैं- ’ब्रह्मरंध्रं हिंगुलायां भैरवो भीमलोचनः।’हिंगुलाज को आग्नेय शक्तिपीठ तीर्थ भी कहते हैं। स्थानीय मुस्लिम भी इसके प्रति अगाध श्रद्धा रखते है ,उनके लिए ये नानी पीर या नानी हज़ है। ये भारत सरकार का नैतिक दायित्व है इस दयनीय हालत में पड़े महत्वपूर्ण तीर्थ के प्रबंधन हेतु सहायता करे | पाकिस्तान के हिन्दू अब बहुत दयनीय हालत में है , बेबस है | इसे वैष्णवदेवी जम्मू की तरह विकसित किया जाय , वरना आने वाले कल में इसे हम खो देंगे , इस शक्तिपीठ के दर्शन का संकल्प ले , पीएमओ नई दिल्ली के पते पर इस विषय पर अपना अनुरोध पत्र प्रधानमंत्री जी को अवश्य भेजे..
#hinglajmaa
*संजय अनंत ©*