महासमुंद (mediasaheb.com) | लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी, उत्तराखण्ड मे हिंदी विषय की सर्वोच्च उपाधि लिए आचार्य एवं अध्यक्ष, भाषा संकाय के पद पर चयनित भारत वर्ष की प्रथम महिला अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य की प्रथम महिला डी.लिट्, प्राचार्य महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद (छ.ग.) से सेवा-निवृत्त
मृदुभाषी, निडर, निष्पक्ष व पारदर्शक प्रशासनिक क्षमता में निपुण प्राचार्य डॉ. श्रीमती ज्योति पाण्डेय शास. महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद (छ.ग.) से आज सेवानिवृत्त हो रही हैं, आप 2004 मे UPSC से लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में चयनित होकर सभी प्रथम श्रेणी प्रशिक्षु अधिकारी IAS, IPS, IRS, IFS अधिकारियों का लगभग 6 वर्षों तक कुशलतापूर्वक मार्गदर्शन भी किया है. रायपुर वापस आने पर छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासन अकादमी में संयुक्त संचालक (प्रशिक्षण) का पद ग्रहण कर पुन: इस राज्य की प्रथम महिला अधिकारी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया.
तत्पश्चात उच्च शिक्षा संचालनालय, इन्द्रावती भवन, अटल नगर, नया रायपुर में संयुक्त संचालक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया, 40 वर्षों की इस लंबी यात्रा में अनेक छात्र- छात्राओं की Ph.D. निदेशक होने के साथ ही विश्व स्तर पर ख्यातिलब्ध “धातु एवं धातु भैषज्य कल्पना” नामक बहुभाषीय अंतः राष्ट्रीय ग्रंथ की सह-लेखिका भी रही. ग्राम मर्रा (पाटन / दुर्ग छ.ग.) के मिश्र परिवार मे जन्म डॉ. ज्योति स्व. पं. रामस्वरूप मिश्र व श्रीमती इन्द्राणी देवी मिश्र की आत्मजा, चि, ब्रजेश की अग्रजा, व स्व. श्री नरोत्तमलाल / रामदुलारी पांडेय की पुत्रवधु एवं प्रो. (डॉ.) राजशेखर पाण्डेय, ब्राम्हणपारा रायपुर (छ.ग.) हैं. सौम्य, मृदुभाषी, अनुशासनप्रिय एवं बेदाग प्रशासनिक छवि वाली डॉ. श्रीमती ज्योति पांडेय इस लंबे अध्यापकीय / प्रशासनिक जीवन की सफलता का श्रेय अपने देवतुल्य पूज्य गुरुजनों, परिवार व मित्रों व समस्त कार्यालयीन सदस्यों को देती है..