रायपुर (mediasaheb.com)| दुनिया में दुर्लभ रोगों के श्रेणी में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी भी एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, ऐसे तो यह छह प्रकार से पाया जाता है लेकिन इसमें सबसे खतरनाक के दुचने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी(DMD),
डीएमडी डिजाइनरेटिव मस्कुलर न्यूरोमस्कुलर डिजीज जिसमें उम्र के साथ मरीज के मांसपेशियों खराब होती जाती है और मांसपेशी में थोड़ा भी ताकत नहीं रहता है, समय के साथ हृदय के मांसपेशी खराब होने से मरीज की मृत्यु हो जाती है, दुनिया में इसका अभी बहुत सारा इलाज उपलब्ध है पर बहुत महंगे होने के कारण भारत में इलाज करना बहुत मुश्किल है, बचपन से ही यहां बीमारी पता चल जाता है लेकिन कुछ खास तरीके अपनाकर और सावधानी रखकर बच्चों को नॉर्मल लाइफ देने की कोशिश कर सकते हैं , भारत में इसकी इन मरीजों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन जानकारी के अभाव में जीना पड़ रहा है
छत्तीसगढ़ में भी इस बीमारी से बहुत सारे परिवार पीड़ित है जिन्होंने छत्तीसगढ़ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी संगठन का निर्माण किया है अधिक जानकारी के लिए आप इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं | 8827877283
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के निम्नलिखित लक्षण है
1 बच्चे का विकास धीमी गति से होना बोलने चलने में देरी होना
2. तीन साल तक की उम्र में बच्चों को खड़े होने में परेशानी होना
3. बच्चे एड़ी उठाकर चलना
4. अचानक चलते-चलते गिर जाना
5. थोड़ा से ही दूरी चढ़ने पर बच्चों थक जाना
6. सीढ़ी चढ़ना तथा बच्चों को कूदने में परेशानी होना
इसमें से कोई भी लक्षण दिखने पर आप नजदीकी सांस केंद्र या छत्तीसगढ़ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सेसंपर्क करें