पुणे(mediasaheb.com) | विश्व शांति केंद्र (आलंदी), माइर्स एमआईटी, पुणे भारत द्वारा विश्वराज बंधारा लोणी-कालभोर विश्वशांति गुरुकुल, राजबाग में आयोजित दो दिवसीय एमआईटी सांस्कृतिक संध्या संगीत समारोह का समापन पं. उपेन्द्र भट के सुमधूर गित से हुआ. इस मौके पर एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड,श्रीमती उषा विश्वनाथ कराड, प्रो. स्वाती कराड चाटे, डॉ. सुचित्रा कराड नागरे, प्रो. सुनीता कराड, डॉ. संजय उपाध्ये, नागपूर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एन. पठाण, दूरदर्शन के पूर्व निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा मौजूद थे.
३१ दिसंबर की रात १२ बजे आयोजित एमआईटी सांस्कृतिक संध्या के समापन पर त्याग और समर्पण के प्रतीक यज्ञ कुंड में काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और ईर्ष्या, विकार, विकृती और विकल्प जैसे विकारों की आहुतियां दी गई. साथ ही प्रार्थना की गई कि अगला वर्ष २०२५ अत्यंत सुख, संतोष एवं शांति से बीते.
विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर कल से सभी को अपनी कमियों का त्याग कर शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहिए. भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वोत्तम संस्कृति है. इनमें इसका अनुसरण कर अपने जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए. जागृति का यह एक छोटा सा प्रयास है. युवाओं में स्वधर्म और आत्म सम्मान जागृत करके सच्ची भारतीय पहचान बनाए.
इस संगीत समारोह में विश्वशांति संगीत कला अकादमी की नृत्य शिक्षिका अदिति रिसवाडकर ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया. फिर एमआईटी एडीटीयू के छात्रों ने संथाल लोक नृत्य प्रस्तुत किया. विश्वशांति संगीत कला अकादमी के छात्र एवं प्रो. अंकित गुप्ता का भक्ती संगीत तथा हिंदी फिल्मों के स्वर्ण युग पर आधारित संगीतमय कार्यक्रम हुआ. वारकरी संप्रदाय की विख्यात गायिका गोदावरीताई मुंडे का गायन हुआ. अंत में पं. उपेन्द्र भट के मधुर गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ. प्रो. स्वाती कराड चाटे ने सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए सभी का आभार माना.