- यह चुनाव संविधान बचाने, लोकतंत्र बचाने का चुनाव है
- जब वोट लेना हो तो मोदी खुद को पिछड़ा बताते है, पिछड़ो के हक की बात हो तो कहते है देश में कोई जाति नहीं
रायपुर (mediasaheb.com)| अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रभारी डॉ. चंदन यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को चेतावनी दे रहा हूं कि संविधान जिंदाबाद था, संविधान जिंदाबाद है, और संविधान जिंदाबाद रहेगा। 2024 का लोकसभा चुनाव सिर्फ सत्ता का परिवर्तन का चुनाव नहीं है, दो विचारधारा का चुनाव है। संविधान बचाने का चुनाव है और देश को बनाने और बचाने का चुनाव है। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी जिस नीयत और नीति से 400 पार का नारा दिया था, अब वो जनता के बीच आ गया है कि उसका मतलब क्या है? कही जमीन पर कोई हकीकत नहीं था 400 से नीचे जा रहे है। जैसे-जैसे चुनाव चढ़ता जा रहा है भारतीय जनता पार्टी उसी तेज रफ्तार से नीचे जा रही है। 400 पार का क्या मतलब होता है कई बड़े नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा वो संविधान बदलना चाहते है। जब जनता को बात समझ आ गया तब भारतीय जनता पार्टी के नेता सफाई दे रहे है। लेकिन वो सफाई सच्चाई से परे है। भाजपा ने पहली बार ऐसा नहीं किया है, जब पहली बार एनडीए की सरकार बनी थी तब बाजपेयी की सरकार ने कॉन्स्टिट्यूशन रिव्यू कमेटी बनाया था। जिसके अध्यक्ष जस्टिस वेंकटेश चिलैय्या थे। जब-जब भाजपा की सरकार बनी है तब-तब वो संविधान में छेड़छाड़ बदलने का प्रयास करते रहे है। मैं इस देश की जनता को नमन करता हूं। देश और देश की जनता संविधान का जिंदाबाद का नारा इस देश के कण-कण में बसा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की जो मूल विचारधारा है और देश का संविधान है वे परस्पर विपरीत है। आरएसएस का विचारधारा है और हमारा संविधान कहता है आजादी के संघर्षो दौरान जो उत्पन्न हुई वो इस देश का संविधान है। देश की जनता के संघर्षो से उत्पन्न बहुत सारे हमारे परंपरा, इतिहास, स्टेटजी, सबसे बड़ा अहिंसा, तमाम ऐसे मूल्य है और तमाम हमारे बड़े-बड़े नेताओं का बहुत बड़ा संघर्ष रहा है। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर राष्ट्रीय कमेटी के चेयरमेन रहे, तमाम ऐसे नेता थे सभी ने मिलकर ये एक बहुत ही मजबूत संविधान बनाया है। जो भारतीयता को दर्शाता है। भारत बोले तो अनेकता में एकता है। भारत को समझना चाहेंगे तो 22 प्रमुख भाषाएं है, 1632 बोली है, 6500 जाति-उपजाति है, 52 जनजातियां है, 29 मुख्य त्योहार है, 6 मुख्य धर्म है, 27 राज्य है, 7 केंद्र शासित प्रदेश है, एक संविधान है एक बेस है। इन सब से भारत बना है। हमारी संस्कृति अलग है, हमारी भाषा अलग है, खान-पान, रहन-सहन सब चीज अलग है लेकिन हम एक संविधान में विश्वास करते है, हम एक देश की परंपरा, इतिहास में हमारा अटूट विश्वास है। हम सब मिलजुल कर इसमें रहते है। हम एक दूसरे का सम्मान करते है। जो हमारा संवैधानिक कर्तव्य है। आरएसएस की विचारधारा इससे टकराव में है। इसलिये वो संविधान का बदलना चाहते है।