*ये दुनियां अगर मिल भी जाए तो क्या है..*
(गुरु दत्त जन्मशती विशेष) Celebrating 100 years of Guru Dutt 🌹
10 अक्टूबर 1964 का दुखद दिन,
उस दिन बिमल मित्र अपने सेंट्रल चेतला रोड कोलकाता स्थित निवास स्थान में अपने लेखन कक्ष में थे जब उन्हें ये दुखद समाचार मिला, उन्हें आश्चर्य नहीं हुआ , जिस असहनीय अंतर पीड़ा से गुरु दत्त गुजर रहे थे , वर्षों से अनिद्रा रोग के चलते सोए नहीं थे , बिमल मित्र ने लिखा
*अब गुरु दत्त को चिर निद्रा में सोने दो*
गुरूदत्त ने नींद की टेबलेट से अपने भौतिक शरीर को इस संसार मे छोड़ अनंत यात्रा मे जाने का निर्णय लिया और इस तरह *भारतीय सिनेमा की इस जीनियस प्रतिभा ने केवल 39 वर्ष की आयु में इस भौतिक संसार को अलविदा कह दिया…*
*ये दुनियां अगर मिल भी जाए*
*तो क्या है 🎶🎶*
फ़िल्म कागज़ के फूल (1959) गुरूदत्त का आत्म कथ्य है, दुनिया की 11 यूनिवर्सिटी में ये फिल्म , फिल्म मेकिंग /डायरेक्शन के कोर्स में पढाई जाती है , गुरुदत्त की इस फिल्म को देखकर *राजकपूर ने कहा था*
*”ये फिल्म अपने समय से बहुत पहले बन गई,आने वाली पीढ़ी इस पर नाज़ करेगी”*
मानव संवेदनाओं को फिल्माना गुरुदत्त बखूबी जानते थे, मानो किसी पेंटर ने अपनी किसी पेंटिंग में नैराष्य भाव बिखेरा हो , जीवन का सत्य , एक कलाकार के अन्तरमन की पीड़ा , कैमरे का उम्दा अनुप्रयोग , लाइट / शैडो से भाव अभिव्यक्ति |
*वक्त ने किया , क्या हसीं सितम 🎶🎶*
वहीदा रहमान और गुरुदत्त के बीच फिल्माया ये गीत , दर्द, वियोग की श्रेष्ठंतम अभिव्यक्ति है ,
आप की जानकारी के लिए बता दे , ये अमिताभ बच्चन की भी सब से प्रिय फिल्म है।
जीवन लगभग वैसा ही है ,जैसा गुरुदत्त ने अपने इस आत्म कथ्य में उतारा, इस प्रकार की कलात्मक फिल्म तो बॉक्स ऑफिस में दम तोड़ती है ये बनाने वाले को भी पता होता है, पर संसार में हर अभिव्यक्ति धन संपदा के लिए नहीं होती ,जो बाजार में नहीं बिकता, वो भी खरा होता है।
दरअसल उसका मोल समझने वाले कम होते है, गुरुदत्त की इस फ्लॉप फिल्म ने भले ही उन्हें लाखों के कर्ज में डूबा दिया हो , किन्तु उनकी इस महान कृति ने उन्हें सदा के लिए अमर कर दिया ,
जीवन का कड़वा सच
*देखी ज़माने की यारी*
*बिछड़े सभी बारी बारी🎶🎶*
”कागज़ के फूल ” से कभीअसली फूलो की महक नहीं आती, सच्चे प्रेम की तलाश ..
इस फिल्म को देखने के पश्चात् आपकी जीवन के प्रति सोच बदल जाएगी , शायद और गहरी हो जाएगी
*डॉ.संजय अनंत ©*