रायपुर /बस्तर, (mediasaheb.com)। छत्तीसगढ़ के बस्तर में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। बस्तर में गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिसकी वजह से कोंटा में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। बीजापुर के दर्जनों गांव का बस्तर जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बीजापुर के भैरमगढ़ तहसील के अंतर्गत ग्राम फुलगट्टा में 6 साल की बच्ची मोती भोगाम की खेत में भरे पानी में डूबने से मौत हो गई है। दक्षिण बस्तर में लगातार हो रही बारिश से बीजापुर, कांकेर और सुकमा में गांवों से संपर्क टूट गया है। मिंगाचल स्थित CRPF कैंप तक पानी भर गया है। धमतरी में बारिश का पानी सड़क से लेकर थाने तक भर गया है। इस दौरान एक वृद्ध भी बरसाती नाले में बह गया। 10 दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। मिंगाचल नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है।जिला प्रशासन बस्तर की निचली बस्तियों का दौरा कर रहा है। बीजापुर विधायक विक्रम शाह मंडावी ने बुधवार को बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद बाढ़ प्रभावित रामपुरम, बामनपुर क्षेत्र का दौरा किया। जगदलपुर में इंद्रावती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बाढ़ के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
गोरगुण्डा ग्राम में राहत दल के साथ राशन भेजवाया गया।बस्तर जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए कई टीमों का गठन किया है। ताकि लोगों को सही समय पर मदद पहुंचाई जा सके। तारलागुडा इलाके के लोगों का ब्लाक मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। जल्लावागु नाला भी उफान पर है। इंद्रावती तीमेड नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को दोपहर तक 13 मीटर नदी का जलस्तर पहुंच गया था।बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि बस्तर संभाग में बाढ़ से सबसे ज्यादा बुरी हालत बीजापुर और सुकमा जिले की है। यहां शबरी नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ा है। बीजापुर और सुकमा जिले के सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। कोंडागांव के फरसगांव में नाले पर बना पुल बह गया। जिससे कोंडागांव के 60 से ज्यादा गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार जिससे दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है। ऐसे में समूचे बस्तर में अगले दो दिनों तक और बारिश जारी रहने की आशंका है।(हि.स.)