रायपुर (mediasaheb.com) | प्रदेश में नई पीढ़ी को तम्बाकू उत्पादों से होने वाली स्वास्थ्य हानि और नशे की आदत से मुक्त बनाने के लिए रायपुर में शुक्रवार को तीन दिवसीय राष्ट्र स्तरीय बैठक का समापन हुआ ।यह बैठक ‘डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी (विश्व स्वास्थ्य संगठन-फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल) ` कन्वेंशन को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागूकरवाने के लिए द यूनियन द्वारा किया गया था. सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 का पालन प्रदेश में सुनिश्चित करने पर भी इस बैठक में बात हुयी.
समापन समारोह को संबोधित करते हुए निहारिका बारीक़ सिंह, सचिव स्वास्थ्य (छत्तीसगढ़)ने कहा स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले हुक्का बार बंद करने के लिए कानूनी मसौदा तैयार करने का समय आ गया है .धूम्रपान और तंबाकू के सेवन पर पाबन्दी लगाने के लिए कड़ाई से पालन करना होगा.
सुश्री सिंह ने कहा चबाने वाला तंबाकू ( #Tobacco )भी हानिकारक ( #Harmful )होता है जिसे रोका जाना चाहिए. इसके लिए रणनीति बनाना आवश्यक है. तंबाकू उत्पाद करने वाले इंडस्ट्री के इंटरफेयर को रोकने के लिए एफसीटीसी (विश्व स्वास्थ्य संगठन-फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल)5.3 सेक्शन उपयोग करने के लिए समिति बनाने का कार्य छत्तीसगढ़ में किया जाएगा.
अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (छत्तीसगढ़) ( #National Health Mission )मिशन संचालक डॉ प्रियंका शुक्ल ने कहा यह हमारा दायित्व है की आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के सेवन और नशे से दूर करने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं को करते रहना चाहिए. उन्होंनेद यूनियन को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. राज्य में डब्ल्यूएचओ – एफसीटीसीको राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा .साथ ही प्रदेश में (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम)कोटपा 2003 के तहत नियमित रूप से कार्य संचालित किया जा रहा है.
तंबाकू पर नियंत्रण व इससे होने वाले कैंसर ( #Cancer ) को रोकने के लिए दक्षिण एशिया, दक्षिण अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका त्रिपक्षीय सहयोग के लिए तंबाकू उत्पादों के रेगुलेशन व निगरानी के लिए अब ये सभी देश मिलकर काम करेंगे.‘विश्व स्वास्थ्य संगठनफ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑफ टोबैको कंट्रोल’ (#’World Health Organization Framework Convention of Tobacco Control’ ) तंबाकू पर नियंत्रण पाने के लिए सभी देशसहयोग करेगा.उरुग्वे में हुए 22 देशों के विशेष सम्मेलन में यह सहमति बनी है.
भारत में भी तंबाकू उत्पादों के रेगुलेशन व नियंत्रण पर शुरुआत की गई है.इसमें चबाने वाले तंबाकू पर फोकस करते हुए बताया गया कि किस प्रकार दुनिया तंबाकू उत्पादों पर नियंत्रण पा सकती है .इसका रेगुलेशन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.सभी देशों ने इस सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ-एफसीटीसी (विश्व स्वास्थ्य संगठन-फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल) के प्रस्तावों को अपने-अपने देश में पूरी तरह लागू करने व तंबाकू नियंत्रण में त्रिपक्षीय सहयोग पर भरोसा दिया.
द यूनियन के उपसंचालक डॉ राणा जे सिंह ने कहा गया तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं कोटपा अधिनियम 2003 के परिपालन के लिये प्रत्यक्ष एवं बेहतर रूप से राज्यों में किया जा रहा है. कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु के लिए राज्य में तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप को रोकने के लिए बेहतर रणनीति का गठन किया जाना होगा ।देश के 13 राज्यों में यह रणनीति गठित की जा चुकी है और परिपालन भी नियमित रूप से किया जा रहा है ।
प्रदेश में ग्लोबल एडल्ट टोबाको ( # Global Adult Tobacco ) सर्वे – 2016-17 के अनुसार,छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी प्रकार के तम्बाकू का सेवन करते हैं.यह देश की औसत 28.4 % से अधिक है. इन में से 7.3% तम्बाकू का सेवन करने वालों ने 15 वर्ष की उम्र से पहले सेवन शुरू किया था,29% ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4% ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया था यानि औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तम्बाकू का सेवन शुरू किया गया था।
राष्ट्रीय कार्यशाला की जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के डॉ. कमलेश जैन ने बताया एफसीटीसी को लागू करने से पहले कोटपा अधिनियम 2003 का परिपालन सुनिश्चित किया जा रहा है .साथ ही डब्ल्यूएचओ के एफसीटीसी (विश्व स्वास्थ्य संगठन-फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल) को छत्तीसगढ़ में जल्द ही लागू कर दिया जाएगा .इसमें मुख्य रूप से तंबाकू विक्रेता को वेंडर लाइसेंसिंग किया जाएगा साथ ही तंबाकू उत्पाद कंपनीयों को स्कूल कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में प्रचार-प्रसार को पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा.
द यूनियन जो कि एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है के द्वारा टीबी और तंबाकू के क्षेत्र में काम किया जा रहा है . देश के 25 राज्यों में द यूनियन अपना सहयोग प्रदान कर रही है .उसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य के 9 जिलों में अपना तकनीकी सहयोग भी दे रही है .वर्तमान में द यूनियन द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के क्षेत्र में मजबूती प्रदान करने के लिए “ब्लूमबर्ग की पहल” परियोजना पर छत्तीसगढ़ राज्य के 9 जिलों में सहयोग प्रदान कर रही है।
कार्यशाला में विशेष रूप से डॉ मीरा अगही दिल्ली, डॉ उपेंद्र भोजानी कर्नाटक, डॉ राकेश गुप्ता पंजाब, डॉ मुकेश सिन्हा मध्य प्रदेश ,डॉ राणा जे सिंह द यूनियन ,डॉ. प्रणय लाल द यूनियन, डॉ. कमलेश जैन एवं 12 राज्यों के प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ और द यूनियन के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।