बिलासपुर (mediasaheb.com)| एसईसीएल के कुसमुंडा एरिया स्थित विकास नगर डिस्पेंसरी को डिजिटल डिस्पेंसरी बनाया जाएगा। डिजिटल डिस्पेंसरी शुरू किए जाने हेतु कोल इंडिया ने एलओए जारी कर दिया है। इससे कोलकर्मियों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा युक्त टेलिमिडिसिन टर्मिनल के जरिये स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से इलाज की सुविधा मिलेगी। कोल इंडिया की इस अनूठी पहल से उन कोयला कर्मियों को भी रीजनल या सेंट्रल हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों का चिकित्सीय परामर्श मिल पाएगा, जो सुदूर खदानों में कार्य करते हैं।
कैसे कार्य करेंगी डिजिटल डिस्पेंसरी?
डिजिटल डिस्पेंसरी में विशेषज्ञ डॉक्टर से मिले बिना मरीज को उनसे इलाज की सुविधा बेहद आसानी से मिल जाएगी। इसके लिए उन्हें सिर्फ डिजिटल डिस्पेंसरी तक पहुंचना होगा। डिजिटल डिस्पेंसरी में टेलिमिडिसिन टर्मिनल लगा होगा। डिस्पेंसरी का पैरा-मेडिकल स्टाफ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस टेलिमिडिसिन टर्मिनल से मरीज को स्पेशलिस्ट डॉक्टर से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराएगा टेलिमिडिसिन टर्मिनल में उपलब्ध क्लिनिकल डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के जरिये डॉक्टर मरीज की बीमारी को बेहतर तरीके से समझकर उनका इलाज कर पाएंगे। साथ ही, डॉक्टर द्वारा दी गई ई-पर्ची के आधार पर डिजिटल डिस्पेंसरी में लगी आईओटी मशीन से 15 मिनट के भीतर मरीज की आवश्यक जांच (एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के अलावा) कर उसकी डिजिटल रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को दवा देंगे। मरीज के डिस्पेंसरी आने से लेकर उसके इलाज, जांच एवं दवा दी जाने तक की प्रक्रिया 30 से 45 मिनट में पूरी कर ली जाएगी।
ज्ञात हो की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अपने कर्मियों की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों की 25 डिस्पेंसरी जल्द ही डिजिटल डिस्पेंसरी के रूप में कार्य करेंगी, सीसीएल की 11, एमसीएल की 6, ईसीएल की 6, एसईसीएल की 1 और डब्ल्यूसीएल की 1 डिस्पेंसरी में डिजिटल डिस्पेंसरी शुरू किया जाएगा