आज मुख्यालय बिलासपुर में आईटीआई प्रशिक्षुओं के – ऋषि पटेल व अन्य – ग्रुप द्वारा प्रदर्शन किया गया जिसके बारे कुछ तथ्यगत बिंदु निम्न हैं –
बिलासपुर ( mediasaheb.com)| आज चौथी बार एसईसीएल प्रबंधन ने पहल करते हुए बातचीत के लिए आमंत्रित किया । आईटीआई की सम्पूर्ण कार्यकारिणी आज निदेशक कार्मिक एसईसीएल मनोज प्रसाद से मिले तथा सीएमडी एसईसीएल डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने भी सदस्यों से बात की ।
*इस प्रकरण में ऋषि पटेल ग्रुप द्वारा गत 28 अप्रैल को सर्वप्रथम पत्र लिखा गया था जिसमें दो सूत्री माँगे रखी गई थी – प्रशिक्षुओं का नियमितिकरण तथा नियमित कर्मचारियों के समान वेतन दिया जाए । प्रत्युत्तर में , जीएम एचआरडी की टीम ने मई माह में उन्हें अवगत कराया कि अप्रेंटिस एक्ट १९६१(यथा संशोधित २०१४) में अप्रेंटिस प्राप्त प्रशिक्षुओं को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है । पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रम इस प्रकार के अप्रेंटिस कराते हैं और इस सम्बंध में भारत सरकार के नियम स्पष्ट हैं । अतः ट्रेड अप्रेंटिस का नियमितिकरण नहीं किया जा सकता है ।
पुन: सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के नियम तथा उक्त एक्ट के अनुपालन में सभी अप्रेंटिस को देय स्टैपेंड का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है । उन्हें एसईसीएल के नियमित कर्मचारी, जिनका वेतन वेज बोर्ड द्वारा निर्धारित है , के समतुल्य वेतन देने का भारत सरकार का कोई प्रावधान नहीं है ।
*जुलाई माह में पुन सम्बंधित समूह द्वारा एसईसीएल प्रबंधन को वार्ता के लिए पत्र लिखा गया तथा निदेशक कार्मिक की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई । इसमें ऋषि पटेल जी व समूह द्वारा कहा गया कि अगर नियमितिकरण नहीं हो सकता है तो आउट्सोर्सिंग कम्पनियों में हमें नौकरी दिलाने के लिए एसईसीएल पहल करे । प्रबंधन ने सकारात्मक रुख़ दिखाते हुए कहा कि वे इस प्रकार के इच्छुक प्रशिक्षुओं की राज्य/ज़िलावार ट्रेड वार एक सूची दें , जिससे कि आउट्सोर्सिंग कम्पनियों में तकनीकी कर्मचारी के रूप में उनके नियोजन की सम्भावना तलाशी जा सके । उनके द्वारा कोई सूची नहीं दी गई बल्कि पुन प्रबंधन
से बातचीत का प्रस्ताव दिया गया । दिनांक ३ अगस्त को एसईसीएल प्रबंधन ने उन्हें बैठक के लिए पुन आमंत्रित किया गया । इसमें स्थानीय जन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे । इस बैठक में एक बार फिर से नई माँगे रखते हुए कहा गया कि एसईसीएल में इतने कर्मी रिटायर हो रहे हैं तो इनकी भर्ती क्यूँ नहीं ले ली जाती है । हमें आयु में छूट और चयन में प्राथमिकता मिलनी चाहिए । निदेशक कार्मिक महोदय से आश्वासन दिया कि जब ऐसी कोई भर्ती आएगी तो आयु में छूट और वरीयता का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी के समक्ष अवश्य रखा जाएगा । टीम द्वारा फिर से , नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन देने की माँग की गई जबकि सभी को भारत सरकार के नियमों के तहत देय स्टैपेंड प्रदाय किया जा चुका है ।
*आज मुख्यालय में उनके द्वारा कर्मचारी अधिकारियों को कार्य स्थल par जाने से रोका गया । मुख्यालय में आज महाप्रबंधक स्तर का इंटरव्यू , बोर्ड की मीटिंग आयोजित थी, कई टेंडरों के खुलने / निविदा जमा करने की आख़री तारीख़ थी , कर्मचारियों व परिजनों के मेडिकल रेफ़रल के काग़ज़ तैयार किए जाने थे जो अप्रेंटिस द्वारा अवरोध से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकते थे ।
आज निदेशक कार्मिक व सीएमडी एसईसीएल से बातचीत के दौरान उन्होंने माँग रखी कि कई क्षेत्रों में अप्रेंटिस द्वारा निर्धारित कार्य अवधि से ज़्यादा काम कराया गया जिसकी जाँच होनी चाहिए । प्रबंधन ने तत्काल एक कमेटी गठन की घोषणा की जो कि ३० दिन में अपनी रिपोर्ट दे देगी । ग़ौरतलब है कि *प्रशिक्षण के दौरान ज़्यादा या जबरी काम लेने से सम्बंधित उक्त प्रशिक्षुओं द्वारा कोई भी औपचारिक शिकायत नहीं की गई जबकि वे ऐसा कर सकते थे।
वे आज भी आउट्सोर्सिंग कम्पनियों में काम करने के इच्छुक अप्रेंटिस की सूची नहीं लेकर उपस्थित हुए।
*विदित हो कि प्रत्येक दौर की बातचीत के बाद ऋषि पटेल एवं समूह द्वारा धरना
समाप्त कर लेने की बात कही जाती है किंतु वे फिर इस से मुकर जाते हैं तथा कोई नई माँग लेकर कर बातचीत की इच्छा ज़ाहिर कर देते हैं ।
*पुन युवा साथियों से अपील है कि वे धरना /प्रदर्शन, अपने कहे अनुसार अविलम्ब समाप्त कर लेवें । एसईसीएल प्रबंधन सदैव हीं बातचीत लिए तैयार है ।