प्रयागराज,(mediasaheb.com)| आस्था, विश्वास और संस्कृतियों के संगम में माघ मेला के तीसरे सबसे बड़े स्नान पर्व “मौनी अमावस्या” पर पुष्प वर्षा के बीच 12 बजे तक 1.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई।
मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि संगम क्षेत्र श्रद्धालुओं से भरा हुआ है। इस पुण्य अवसर पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में शुक्रवार रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक करीब 1.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं के लिए दो और घाट के साथ कुल 17 घाटों पर स्नान चालू है। श्रद्धालुओं ने भोर में चार से स्नान शुरू कर दिया था।
त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाते समय अपने ऊपर हैलीकाॅप्टर से पुष्प वर्षा पाकर गदगद हो गये। श्रद्धालुओं, साधु-संतो और कल्पवास करने वाले कल्पवासियों पर जब पुष्प वर्षा हुई वह एक बार तो अचंभित हुए। कुछ समय के बाद श्रद्धालुओं पर गुलाब और गेंदे के फूल के पंखुड़ियों की वर्षा की गयी जिससे श्रद्धालु उल्लास से भाव-विभोर हो गये।
मेला क्षेत्र अनेकता में एकता का भी बोध हो रहा था। त्रिवेणी में जाति पति और छुआछूत की दीवार तोड़ एक साथ लोग डुबकी लगा रहे थे।
हाड कंपाने वाली शीतलहर भी त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के कदम को रोक नहीं पा रही है। घने कोहरे में संगम किनारे तड़के दूधिया रोशनी के बीच आधी रात के बाद से ही महिला, पुरूष, युवा, बच्चे और दिव्यांगों ने त्रिवेणी में ऊं नम: शिवाय, जय श्री राम, जय मां गंगे का जप के साथ पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दिया। आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं में केवल भारतीय ही नहीं बल्कि कुछ विदेशियों काे भी संगम तीरे अध्यात्म का आनंद लेते देखा गया है।
पुलिस अधीक्षक (SP) माघमेला राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि सुबह तैनाती के बाद पूरे मेले में बम डिस्पोजल स्क्वायड, डाग स्क्वायड और एएस (एंटी सबोटेज) टीमों के द्वारा गहन जांच लगातार जारी है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के अलावा पीएसी की टीमों को संगम पर तैनात किया गया है। इसके अलावा ड्रोन कैमरों से चप्पे चप्पे पर नजर रखी जाएगी तथा संगम पर कमांडो भी तैनात रहेंगे। स्नान पर्व पर मेला क्षेत्र में 30 एंबुलेंस तैनात की जाएंगी।
जल पुलिस प्रभारी कड़े दीन यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं की जान बचाने के लिए तैनात जल पुलिस के जवान अपनी जिंदगी दांव पर लगा लहरों से जान लड़ाते हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक लाखों श्रद्धालुओं को स्नान कराकर सुरक्षित वापस भेजने का किया है। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या पर काफी भीड़ होगी। इसके लिए 100 गोताखोर तैनात किए गये है। इसमें 30 सरकारी और 70 प्राइवेट हैं। उन्होंने बताया कि सभी घाटों पर चक्रमण करने के लिए 55 मोटर बोट के अलावा 100 छोटी नाव तैयार हैं। दो टीम एनडीआरएफ और एक टीम एसडीआरएफ तैनात है।(वार्ता)
Thursday, December 25
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