खरोरा (mediasaheb.com)- तिल्दा : विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्गदर्शन में हर वर्ष अगस्त के प्रथम सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह पुरे विश्व में मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में अदाणी फाउंडेशन द्वारा भी रायपुर एनेर्जेन लिमिटेड के आस पास के ग्रामों में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। 1 से 7 अगस्त तक ग्राम रायखेड़ा, भाटापारा, गैतरा, चिचोली एवं गौरखेड़ा में आंगनवाड़ी केन्द्रों के साथ मिलकर सुपोषण संगिनियों द्वारा शिशुवती माता, गर्भवती महिलाओं एवं पांच वर्ष तक के बच्चों सहित कुल 1500 से ज्यादा परिवारों को जागरूक किया गया। सात दिनों तक चले इस कार्यक्रम की शुरुआत सुपोषण संगिनियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूकता रैली निकालकर किया गया। तत्पश्चात पूरे सप्ताह स्तनपान के महत्त्व व उपयोगिता पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे सुपोषण संगिनियों द्वारा स्तनपान की भ्रांतियों को दूर करते हुए इसके महत्त्व को बताया गया, साथ ही स्तनपान के समय शिशु को पकड़ने का सही तरीका, कंगारू मदर केयर, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना इत्यादि पर जोर दिया गया।
समाज के हर वर्ग में जागरूकता पैदा करना के उद्देश्य से फोकस ग्रुप डिस्कशन और परिवार परामर्श कर स्तनपान के लिए महिलाओं के सहयोग हेतु पुरुषों को शपथ भी दिलायी गई। कार्यक्रम के दौरान पांचों गांव के 60 नवजात शिशुओं का अन्नप्राशन कराया गया जिनमें से 18 बच्चों ने हेल्दी बेबी का पुरस्कार जीता। शिशुवती एवं गर्भवती महिलाओं के लिए भोजन की पौष्टिक थाली सजाना, दीवार लेखन आदि का आयोजन किया गया। जिसमें पौष्टिक थाली प्रतियोगिता में साठ से अधिक महिलाओं ने भाग लिया उनमें से 18 महिलाओं ने पुरस्कार जीते। एक पखवाड़े तक चले इस कार्यक्रम में 200 से अधिक स्तनपान और गर्भवती महिलाऐं तथा उनके पतियों एवं 30 किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया। ग्राम चिचोली की श्रीमती कीर्ति बांधे के पति श्री हेमंत बांधे, ग्राम भाटापारा की रोशनी वर्मा के पति पंकज वर्मा इत्यादि ने परिवार को पूरा सहयोग करने की शपथ ली।
आरईएल, अदाणी फाउंडेशन द्वारा आस पास के 14 ग्राम पंचायतों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और संरचना विकास के कई कार्यक्रम संचालित करता है। दो साल पहले से ही इन ग्रामों के आंगनवाड़ियों के साथ मिलकर सुपोषण परियोजना का संचालन कर रहा है। जिसमें प्रशिक्षित सुपोषण संगिनियों द्वारा पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए एंथ्रोपोमेट्रिक माप में ऊंचाई, वजन, मध्य-ऊपरी बांह परिधि (एमयूएसी), और सिर परिधि (एचसी) की माप के द्वारा मध्यम एवं गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर परामर्श दिया जाता है। साथ ही गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं और बच्चों की पोषण तत्वों जैसे फलों, पौष्टिक सब्जियों इत्यादि की निरंतर आपूर्ति के लिए किचन गार्डन एवं पोषण वाटिका सभी लाभार्थियों के घरों में विकसित किया गया है। इसके अलावा स्नेह शिविर आयोजन, पोषण पुनर्वास केंद्र से वापस आने वाले बच्चों के लिए वॉश बास्केट प्रदान करना इत्यादि का आयोजन किया जाता है।
1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गाँव और कस्बे शामिल हैं। फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है। वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हुए अदाणी फाउंडेशन चार प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढा़ंचे के विकास, पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है। अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है, और इस तरह, राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देता है।