- राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव आदिवासी समाज को अन्य समाज से जोड़ने के लिए सेतु का कार्य करेगा : मुख्यमंत्री
- जनजातीय साहित्य को लिपिबद्ध करने की जरूरत: मंत्री डॉ. टेकाम
रायपुर (mediasaheb.com) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि जो प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, उन्हें हमें बचाना है। इसके लिए जनजातीय भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का पहली बार आयोजन हो रहा है। यह आयोजन सांस्कृतिक दृष्टि से अन्य समाजों और जनजातीय समाज के बीच निश्चित रूप से सेतु का काम करेगा। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुजूर, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सरजियस मिंज, सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति डी.डी. सिंह भी मंचस्थ थे।