नई दिल्ली, ( mediasaheb.com) । भारत #India में तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ( FIR) में अब गैरइरादतन हत्या की भी धारा जोड़ दी गई है। राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में सरकार ने निर्देशों को ताक पर रखकर जमात आयोजित करने के खिलाफ मौलाना साद पर पहले से ही मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस एफआईआर में मौलाना साद समेत सात लोगों को आरोपित बनाया है।
निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगियों की जमात से कोरोना के एक हजार से ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं। इस बीच कई जमाती उपचार के दौरान दम भी तोड़ चुके हैं। इसे आधार बनाते हुए क्राइम ब्रांच ने पहले से दर्ज एफआईआर में गैर इरादतन हत्या की धारा को जोड़ दी है। इसके साथ ही लगभग 1800 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। अगर गैर इरादतन हत्या के तहत मौलाना साद की गिरफ्तारी होती है तो उसे कोर्ट से जमानत लेनी होगी। इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।पुलिस के अनुसार निजामुद्दीन मरकज से दिल्ली सरकार के स्वास्थय विभाग एवं पुलिस द्वारा 2361 तब्लीगियों को बाहर निकाल कर अस्पताल एवं क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया था। इसके बाद उपराज्यपाल के आदेश पर निजामुद्दीन एसएचओ मुकेश वालिया के बयान को आधार मानते हुए क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया था। इस एफआईआर में मौलाना साद सहित सात लोगों पर साजिश के तहत इस बीमारी को फैलाने के आरोप थे। इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने कई बार आरोपितों को नोटिस भेजा, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब अभी तक नहीं दिया गया है।
1800 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर
दिल्ली पुलिस ने ऐसे 1800 लोगों को चिन्हित किया है जो विदेश से आकर मरकज में ठहरे हुए थे। ऐसे लोगों के खिलाफ उन्होंने विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय की मदद से लुकआउट सर्कुलर जारी करवा दिया गया है। इस बीच अभी तक पुलिस की जांच से बच रहे मौलाना साद पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। मौलाना साद का होम क्वारन्टीन पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक वह पुलिस के संपर्क में नहीं आये हैं। इसलिए 18 लोगों को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भी भेजा गया है। (हि.स.)