नई दिल्ली, (mediasaheb.com) केन्द्र सरकार कोरेाना से निपटने के लिए देश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अपनी टेस्टिंग सुविधा क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है और इसी के तहत स्वास्थ्य मंत्री डा़ हर्षवर्धन और गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच हुई बैठक के बाद इसी दिशा में 14 मेंटल हास्पिटल को चिन्हित किया गया है। इसमें एम्स और निमहांस और अन्य संस्थानों के लिए जरिए कोरोना से निपटने की रणनीति पर ध्यान दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार का पूरा ध्यान कोरोना पाजिटिव मामलों के सही उपचार , मरीजों की कांटेक्ट ट्रैसिंग और ‘कंटेनमेंट स्ट्रैजिजी’ पर है और इस दिशा में बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री अग्रवाल ने बताया कि देश इस समय एक ऐसे संक्रामक रोग का सामना कर रहा है जो पूरे विश्व में फैल चुका है और ऐसे में हमें सामाजिक दूरी तथा लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा क्योंकि किसी एक स्तर पर की गयी लापरवाही अब तक की सारी मेहनत को बेकार कर देगी। उन्होंने बताया कि अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके आधार पर कोविड-19 के 80 प्रतिशत मामले बहुत हल्के लक्षणों वाले होते हैं और ऐसे मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब कोरोना वायरस से पीड़ितों के उपचार की नयी महत्वपूर्ण रणनीति बनाई है और इसे तीन भागों में बांटा गया है।
पहली स्थिति में कोविड केयर सेंटर में कोरोना वायरस के संक्रमण के संदिग्ध अथवा हल्के लक्षणों वाले मरीजों को रखा जाएगा और ये अस्थायी भी हो सकते हैं तथा सरकारी भवन, होटल, लॉज अथवा अन्य भवन भी हो सकते हैं या पहले से बनाए गए कोरोना सेंटरों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
दूसरी श्रेणी ‘डेडिकेटिड कोविड-19 हेल्थ सेंटरों’ की है जिनमें चिकित्सीय रूप से मध्यम श्रेणी के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को रखा जाएगा। इनमें किसी अस्पताल का पूरा क्षेत्र ही कोविड-19 मरीजों का हो सकता है अथवा कोई खास ब्लाक इसके लिए बनाया जा सकता है। इनमें ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की सुविधा होनी जरूरी है।
तीसरी श्रेणी में कोविड के मरीजों के लिए विशेष तौर पर बनाये गये अस्पताल हैं, जिनमें कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को रखा जाएगा और यहां आईसीयू, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा होगी। इन सभी में एंबुलेंस की सुविधा भी अनिवार्य है ताकि किसी भी श्रेणी को मरीजों को जरूरत पड़ने पर कहीं भी ले जाया जा सके।
उन्होंने बताया कि देश में अब तक कोरोना के कुल 8356 पाजिटिव मामले सामने आए हैं और कल से आज तक 909 अतिरिक्त मामले सामने आए हैं तथा अब तक 273 लोगों की मौत हो चुकी जिनमें 34 लोगों की मौत के नए मामले भी शामिल है। कोरेाना से अब तक 716 लोग ठीक हो चुके हैं और कल से अब तक 74 लोग ठीक हुए हैं।(वार्ता)
सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में टेस्टिंग क्षमता पर ध्यान केन्द्रित होगा: स्वास्थ्य मंत्रालय
