- संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा- सभी पहलुओं का विचार किया, सभी पक्षों और न्यायमूर्तियों का धन्यवाद
- मथुरा-काशी पर कहा- हम आंदोलन नहीं, व्यक्ति निर्माण का काम करते हैं
- कहा- मुस्लिम पक्ष को जमीन कहां दी जाए, इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं, सरकार तय करे
नई दिल्ली,(mediasaheb.com) अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने कहा कि अब सरकार मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे और परस्पर विवाद को समाप्त करने की पहल करे।
दिल्ली स्थित संघ मुख्यालय, केशव कुंज में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, ‘‘श्रीराम जन्मभूमि के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस देश की जनभावना, आस्था और श्रद्धा को न्याय देने वाले निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है। दशकों तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह विधि सम्मत अंतिम निर्णय हुआ है। इस लंबी प्रक्रिया में श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित सभी पहलुओं का बारीकी से विचार हुआ है। सभी पक्षों द्वारा अपने अपने दृष्टिकोण से रखे गए तर्कों का मूल्यांकन हुआ है। धैर्यपूर्वक इस दीर्घ मंथन को चलाकर सत्य व न्याय को उजागर करने वाले सभी न्यायमूर्तियों और सभी पक्षों के अधिवक्ताओं का हम शतशः धन्यवाद और अभिनंदन करते हैं। इस लंबे प्रयास में अनेक प्रकार से योगदान देने वाले सभी सहयोगियों व बलिदानियों का हम कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं।’’
संघ प्रमुख ने आगे कहा, “निर्णय स्वीकार करने की मनःस्थिति, भाईचारा बनाए रखते हुए पूर्ण सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकारी व समाज के स्तर पर हुए सभी लोगें के प्रयास का भी स्वागत व अभिनंदन करते हैं। अत्यंत संयमपूर्वक न्याय की प्रतीक्षा करने वाली भारतीय जनता भी अभिनंदन की पात्र है।’’ संघ का कहना है कि इस निर्णय को जय-पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। सत्य व न्याय के मंथन से प्राप्त निष्कर्ष को भारत वर्ष के संपूर्ण समाज की एकात्मता व बंधुता के परिपोषण करने वाले निर्णय के रूप में देखना व उपयोग में लाना चाहिए। संघ प्रमुख ने सम्पूर्ण देशवासियों से अनुरोध किया कि विधि व संविधान की मर्यादा में रहकर संयमित व सात्विक रीति से अपने आनंद को व्यक्त करें।
संघ प्रमुख ने सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा, “इस विवाद के समापन की दिशा में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप परस्पर विवाद को समाप्त करने वाली पहल सरकार की ओर से शीघ्रतापूर्वक होगी, ऐसा हमें विश्वास है।’’ काशी और मथुरा पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए संघ प्रमुख ने साफ कहा कि केवल श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में संघ खुले तौर पर शामिल हुआ था। संघ का काम आंदोलन करना नहीं है, वह व्यक्ति निर्माण के अपने काम में ही लगा रहेगा। मुस्लिम पक्ष को जमीन अयोध्या की पंचकोशी सीमा में मिले या बाहर? इस सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि यह तय करना सरकार काम है, हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं। संघ प्रमुख ने कहा कि जैसे न्यायालय का निर्णय पूरी तरह साफ है, वैसे ही हमारा वक्तव्य भी पूरी तरह स्पष्ट है। (हि.स.)