नई दिल्ली, (mediasaheb.com)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में बंद कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 17 अक्टूबर तक के लिए सुनवाई टाल दी है। मंगलवार को डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखते हुए कहा कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी व्यक्ति की हिरासत की जरूरत नहीं है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने दूसरे अभियुक्तों को सुरक्षा दी है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी व्यक्ति की हिरासत की जरूरत नहीं है। डीके शिवकुमार 7 बार विधायक रह चुके हैं और वे सवालों से कभी नहीं भागे। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर डीके शिवकुमार झूठी सूचना देते तो निर्वाचन आयोग चुप नहीं बैठा रहता।
पिछले 14 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने अतिरिक्त स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी । ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध किया था। डीके शिवकुमार ने ट्रायल कोर्ट से जमानत रद्द करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कोर्ट से जमानत देने की मांग की है। पिछले 25 सितम्बर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अभी अहम मोड़ पर है और डीके शिवकुमार को अभी जमानत देना जांच पर असर डाल सकता है।
कोर्ट ने कहा था कि डीके शिवकुमार एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और गवाहों और साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि ईडी ने कुछ दस्तावेज दिखाए हैं, जिनमें 317 खातों की सूची और संपत्तियां भी शामिल हैं। कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी को स्वतंत्र तरीके से जांच करने का मौका मिलना चाहिए। जमानत याचिका पर विचार करते समय व्यक्तिगत स्वतंत्रता का ध्यान रखा गया लेकिन समान के हित को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं। लेकिन इसे साबित करने वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं ? हर दिन ईडी के अधिकारी रकम को बढ़ाते रहते हैं। मुझे बन्द रखने के लिए ईडी केस को ग्लोरीफाई कर रही है। सिंघवी ने कहा था कि अब आखिर कौन से दस्तावेजों के साथ मैं छेड़छाड़ कर सकता हूं। सारे दस्तावेज तो ईडी के कब्जे में है । ईडी छापेमारी कर सारे दस्तावेजों को पहले ही अपने कब्जे में ले चुकी है । मैंने कोई दस्तावेजों की हेराफेरी नहीं की है, राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। तीन सितम्बर को ईडी ने डीके शिवकुमार को गिरफ्तार किया था।