नई दिल्ली, 23 जून (mediasaheb.com) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर भारत के पांच राज्यों के लिए आयोजित द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का शनिवार देर शाम यहां समापन हो गया। इसमें स्वयंसेवकों ने वर्ग में सिखाई गई प्रतिभाओं का उपस्थित जनसमूह के सामने प्रदर्शन किया। मुख्य वक्ता के तौर पर वर्ग में शामिल उत्तर क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास ने कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्र प्रथम की नीति पर चलने की जरूरत है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र में जम्मू, पंजाब, हिमाचल, हरियाणा और दिल्ली प्रांत आते हैं। इन राज्यों से आए 232 स्वयंसेवकों ने शहादरा के शंकर नगर स्थित आर्य गीता विद्यालय में आयोजित द्वितीय वर्ष में भाग लिया। वर्ग में 32 शिक्षक और 47 प्रबंधक भी शामिल रहे। वर्ग कार्यवाह रोशन और सर्वाधिकारी गौतम मैंगी रहे। वर्ग की शुरुआत 2 जून को हुई थी।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास ने कहा कि आज की जरूरत राष्ट्र प्रथम की नीति पर चलना है। देश को सुधारने के लिए समाज और समाज को सुधारने के लिए स्वयं को सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि इस देश में रहने वाले हर व्यक्ति की भारत माता मां है। आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडेगेवार ने हमें देशभक्ति, ईमानदारी, सच्चाई अनुशासन के यह चार मंत्र दिए हैं। इन्हें देश के हर नागरिक को अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश को 1947 से 1976 तक सेक्युलरिजम की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन 1976 में इसे संविधान की प्रस्तावना में डाला गया। उन्होंने कहा कि संघ के 94 वर्षों की साधना का परिणाम और प्रभाव है कि अब समाज में एक बदलाव नजर आ रहा है। अब इस कार्य को अधिक विस्तार और गति देने की जरूरत है।समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लेफ्टिनंट जनरल (सेवानिवृत) गुरुमीत सिंह ने राष्ट्रप्रेम की भावना जन-जन में जागृत करने पर बल देते हुए कहा कि आज देश में एक आवाज, एक कदम और एक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए व्यक्तिगत जीवन से दिया गया समय व्यर्थ नहीं जाता है। हमारी संस्कृति और सभ्यता का भार हम लोगों पर ही है और इसे आगे ले जाना हमारा दायित्व है।(हि.स.)