नई दिल्ली, 10 जून (mediasaheb.com)। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मेडिकल पीजी में दाखिले के लिए ने सिरे से काउंसलिंग से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो आर्थिक आधार पर आरक्षण को हटाने के बाद उपलब्ध सीटों पर नियमों के मुताबिक मेरिट के आधार पर दाखिला करें। उन सीटों पर किसी दूसरे वर्ग के दाखिले का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
कोर्ट ने कुछ छात्रों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कोर्ट के पूर्व के आदेश को स्पष्ट करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि हमारा फैसला बिल्कुल साफ है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण के हटाने के बाद बची सीटों पर दाखिला मेरिट के आधार पर होगा।
पिछले चार जून को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो पीजी मेडिकल और डेंटल कोर्स के दाखिले के लिए नए सिरे से काउंसलिंग करे। जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो ये प्रक्रिया 14 जून तक पूरा करे।
पिछले 30 मई को कोर्ट ने कहा था कि महाराष्ट्र में चल रहे पीजी मेडिकल कोर्स में दाखिले में सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण कोटा लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाते हुए कहा था कि आर्थिक रूप से पिछड़े कोटे के लिए संविधान संशोधन होने से पहले ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, आप बीच में नियम नहीं बदल सकते।
दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पीजी मेडिकल में दाखिले में सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को दस फीसदी आरक्षण देने को चुनौती देनेवाली याचिका को खारिज करने की मांग की थी। महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि इसमें किसी भी तरह के हस्तक्षेप से पूरी दाखिला प्रक्रिया प्रभावित होगी।
इससे पहले 27 मई को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआई) को नोटिस जारी किया था। याचिका जनहित अभियान नामक संस्था और तीन अन्य लोगों ने दायर की है। याचिका में पीजी मेडिकल में दाखिला में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दस फीसदी आरक्षण के प्रावधान को लागू करने से रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। (हि.स.)