रायपुर (mediasaheb.com) छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, ऊर्जा विभाग द्वारा ‘कृषि उत्पादन से बायोफ्यूल उत्पादन‘ विषय पर आज न्यू-सर्किट हाउस में एक दिवसीय कार्यशाला का शुभांरभ किया गया। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव के.डी.पी. राव ने कहा कि बायोफ्यूल उत्पादन को एक आंदोलन के रूप में शुरू करने की आवश्यकता है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है, जिसके निश्चित ही सुखद परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने बायोफ्यूल उत्पादन के लिए बायोमॉस की उपलब्धता और रॉ-मटेरियल को किस रूप में उपयोग किया जाए, पर मंथन करने की जरूरत हैं। इस समय ऊर्जा के वैकल्पिक साधन सौर ऊर्जा का सफलतम उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल के महत्व के संबंध में जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है।
इस कार्यशाला के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए भारत सरकार की अतिरिक्त सचिव अलका भार्गव ने कहा कि बायोफ्यूल के विकास के लिए देश-प्रदेश में कृषि वानिकी मॉडल पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें सर्कुलर इकोनॉमी की ओर ध्यान देना चाहिए जिसमें किसान अपने उत्पाद सीधा विक्रय कर सकें। इसके लिए छोटे-छोटे समूह में किसान उत्पादक संस्था (FPO) बनाया जाना चाहिए। जिसमें किसान ऑयल कम्पनियां और सरकार साथ मिलकर कार्य कर सकें। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि जैव ईंधन के उत्पादन में वित्त की भूमिका पर्यावर्णीय प्रभाव और रॉ-मटेरियल की सतत् उपलब्धता पर विचार किया जाना चाहिए। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य राज्य में खाद्यान्न की पैदावार आपूर्ति से अधिक होने की दशा में बायो रिफायनरी की स्थापना कर इस अतिरिक्त खाद्यान्न की मात्रा को बायोईथानॉल में परिवर्तित करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जाना है। इस कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों से संबंधित उप समूह ऊर्जा, तकनीकी, बायोफ्यूल में निवेश की संभावना तथा अन्य विषयों पर मंथन किया जाएगा।
इस सत्र में इंडियन ऑयल के मुख्य महाप्रबंधक शांतनू गुप्ता, भारत पेट्रोलियम लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक एम.एस. पाटके ने बायोफ्यूल की संभावनाओं से संबंधित अपना प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, खाद्य विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।