रायपुर(mediasaheb.com) मलेरिया रोकथाम और उन्मूलन के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। रायपुर जिले में वैसे तो वार्षिक परजीवी सूचकांक 0.04 प्रति 1000 है। फिर भी 2023 तक सूचकांक को शून्य (0) तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की “जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विथ मी” थीम पर कार्य करने की योजना है। जिसकी शुरूआत विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर आज 25 अप्रैल से की जाएगी।
डॉ. विमल किशोर राय, जिला मलेरिया अधिकारी रायपुर ने बताया कि रायपुर में साल दर साल मलेरिया पीड़ितों की संख्या में कमीं दर्ज की जा रही है। रायपुर से मलेरिया उन्मूलन के लिए विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है। जिसकी शुरूआत विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर रायपुर में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों के लिए एक कार्यशाला के माध्यम से होगी। इसमें मलेरिया उन्मूलन के लिए शहरी क्षेत्र में क्या करना है, समुदाय में जागरूकता, रोकथाम के उपाय, मलेरिया के लोकल ट्रांसमिशन (इंडिजीनियस केस) पर रोक लगाने की रणनीति पर चर्चा होगी, जिसके अनुरूप वर्ष भर कार्य किया जाएगा। जो कि थीम बेस्ड होगा यानि “जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विथ मी” ।
उन्मूलन हेतु मरीजों के रिकार्ड में नवीनता
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर मलेरिया उन्मूलन सूचकांक को शून्य प्रति 1000 करने का लक्ष्य है। इसे देखते हुए रायपुर जिले में लाइन लिस्टिंग के लिए मरीजों के रिकार्ड में भी नवीनता लाया गया है। पहले सिर्फ मलेरिया पॉजिटिव केस कितने, कब मिले और कहां मिले का रिकार्ड ही रखा जाता था। लेकिन अब पॉजिटिव मरीजों के नाम और उसका पूर्ण पता, उपचार और क्या-क्या टेस्ट कराए इसकी तमाम जानकारियों का रिकार्ड रखा जा रहा है। ताकि उस पीड़ित मरीज को पूर्ण इलाज मुहैय्या कराने की मॉनिटरिंग हो सके।
निरंतर कम हो रहे मरीज
कुमार सिहं जिला कंसल्टेंट एनवीबीडीसीपी ने बताया रायपुर में मलेरिया पीड़ितों की संख्या में साल दर साल कमीं दर्ज की जा रही है। यानि रायपुर मलेरिया उन्मूलन की ओर अग्रसर है। जनवरी 2018 से दिसंबर 2018 के आंकड़ों को देखें तो रायपुर जिले में 42 केस मलेरिया के दर्ज किए गए हैं। जबकि इसी अवधि में 2017 में 92, 2016 में 105 केस दर्ज हुए हैं।
मलेरिया की विशेष जांच
मलेरिया की विशेष जांच रायपुर जिले के आरंग, अभनपुर, धरसींवा, तिल्दा सभी ब्लॉक तक होना सुनिश्चित किया गया है। रायपुर जिले की लगभग 11 00 मितानिनों को आऱडी किट ( रैपिड डायग्नोस्टिक किट) प्रदान किया गया है। इसके अलावा मलेरिया दवा एसीटी भी हर स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों के लिए दिया गया है।
मच्छर नियंत्रण का प्रयास जरूरी
मलेरिया की रोकथाम और उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग का प्रयास ही काफी नहीं होगा। इसके लिए अन्य विभाग जैसे नगर निगम को भी अपनी भागीदारी निभानी होगी क्योंकि मच्छर नियंत्रण का कार्य उन्हीं का है। जून और जुलाई में मच्छरों की वजह से मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है इसे देखते हुए रायपुर को मलेरिया फ्री बनाने के लिए अभी से निगम अमले को मच्छर नियंत्रण का कार्य और स्वास्थ्य अमले को मलेरिया रोकथाम, उन्मूलन का कार्य करना होगा।