मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आनलाइन व्याख्यान का आयोजन
रायपुर, (mediasaheb.com ) भाषा का उपयोग करके हम गजल, निबंध, कहानी, कविता की रचना कर सकते हैं और हम जब मन में उठने वाले भाव, जज्बातों को वाणी या शब्द देते हैं तो वह कविता बन जाती है। विद्यार्थी रूचि, समर्पण और संकल्प के आधार पर किसी भी कार्य को संभव कर सकते हैं। यह बातें छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि मुकुंद कौशल ने मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित आनलाइन व्याख्यान में कहीं।
मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को आयोजित अतिथि व्याख्यान में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि मुकुंद कौशल ने विद्यार्थियों को हिन्दी साहित्य में लेखन की विभिन्न विधाओं से अवगत कराया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी कार्य कठिन नहीं है, कोई इंजीनियर बनना चाहता है तो कोई डॉक्टर, कलेक्टर अथवा वकील बस हमें रूचि, समर्पण और संकल्प की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें विचारों को व्यक्त करना चाहिए और साधारण बात को असाधारण रूप से व्यक्त करना कविता होती है।
कौशल ने विद्यार्थियों को गीत व गजल की रचना की प्रक्रिया से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ज्ञानी व्यक्ति के पास बैठकर उनसे ज्ञान प्राप्त करना दस पुस्तकें पढ़ने के बराबर होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को गीत एवं गजल की रचना की प्रक्रिया से भी अवगत कराया। केवल पढ़ना ही उपयुक्त नहीं है, पढ़ने के साथ-साथ सीखना भी आवश्यक है। आज की युवा पीढ़ी बहुत जल्दबजी में अपनी मंजिल को पाना चाहती है। प्रसिद्धि के पीछे दौड़ने की आवश्यकता नहीं है, साधना करना आवश्यक है, जिस क्षेत्र में आपकी रूचि है उस क्षेत्र के जानकारों से ज्ञान ग्रहण करना आवश्यक है।
उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये विभिन्न सवालों के जवाब भी दिये। ऑनलाइन व्याख्यान में हिन्दी विभाग के प्राध्यापकों डॉ. रमणी चंद्राकर, डॉ सुनीता तिवारी, मोनिका शर्मा, सुश्मिता मिश्रा, मधुबाला शुक्ला, डॉ कमलेश गोगिया सहित सभी सेमेस्टर के विद्यार्थी उपस्थित थे। विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ. रेशमा अंसारी ने आभार व्यक्त किया।