रायपुर, (mediasaheb.com) छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) को 24 घंटे के भीतर दूसरा बड़ा झटका देते हुए बुधवार को राजनांदगांव के जिलाध्यक्ष मेहुल मारू ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं मंगलवार को बलौदाबाजार के जिलाध्यक्ष योगेश बंजारे ने पार्टी छोड़ी थी। दोनों ही अजीत जोगी के काफी करीबी कहे जाते थे। मेहुल मारू लंबे समय से अजीत जोगी के साथ थे। मेहुल ने अजीत जोगी को भेजे अपने इस्तीफे में अमित जोगी पर कई गंभीर आरोप भी लगाये हैं। लोकसभा चुनाव में एक भी प्रत्याशी नहीं उतारे जाने और अमित जोगी का पार्टी पर एकाधिकार जैसे गंभीर आरोप के बीच मेहुल मारू ने अपने पत्र में लिखा है।
पार्टी गलत आंकड़ा देकर जहां जनता को गुमराह कर रही है, तो वहीं लोकसभा चुनाव में बार-बार बयान बदला गया। उन्होंने पत्र में कहा कि विगत कुछ दिनों से पार्टी की विश्वसनीयता पूरी तरह से समाप्त होती दिखाई पड़ रही है। लोकसभा चुनावों में एक भी उम्मीदवार नहीं उतारना, बार-बार बयान बदलना, ये सब दुखद है। पार्टी पूरी तरह से उद्देश्य से भटक गई है। छजकां सुप्रीमों अजीत जोगी की भूमिका शून्य हो गई है। कहीं किसी निर्णय में दिखाई नहीं पड़ते हैं पार्टी का नीति सिद्धांत “छत्तीसगढ़ प्रथम” न होकर “केवल अमित जोगी प्रथम” रह गया है। बीते विधानसभा चुनावों में पार्टी को कुल 7.6% वोट मिले जिसे पार्टी की बैठकों में बढ़ा-चढ़ा कर 14% बताया जाता है, जबकि बसपा के वोट शेयर 3.9% को जोड़ लें तो भी आंकड़ा 14% तक नहीं पहुंचता। (हि.स.)।