मुख्यमंत्री को पहनाया हृदय का ताज
रायपुर(media saheb) सोना खान के प्रभावितों के 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को CM भूपेश बघेल से मुलाक़ात की। प्रभावितों ने बालको-वेदांता को दी गई सोनाखान के जंगलों की स्वर्ण उत्खनन लीज की समीक्षा किये जाने की छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया उनके साथ न्याय होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा शासन ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में मात्र 27 टन सोना उत्खनन के लिए शहीद वीर नारायण सिंह धरती सोनाखान (बाघमाड़ा ) क्षेत्र के 650 हेक्टेयर भूमि को लीज पर दे दिया था। प्रतिनिधि मंडल ने आरोप लगाया कि केवल बाल्को-वेदांता कार्पोरेट घराने के हितों के संवर्धन के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था। जन-विरोधी, पर्यवारण विरोधी एवं राज्य हित विरोधी निर्णय के खिलाफ वहां के आदिवासी, ग्रामीण लामबंद हुए।
24 मार्च 2014 से ही बाघमाड़ा, अचानकपुर एवं अन्य गांवों के सरपंच व ग्रामीण लामबंद हुए। तात्कालीन सरकार द्वारा ग्रामीणों के धरना-प्रदर्शन, 100 से अधिक किलोमिटर तक का पैदल मार्च आदि को दबाने एवं खत्म करने के कई कुत्सित प्रयास किए। वर्ष 2016 में राहुल गांधी के गिरोधपुरी धाम यात्रा से लौटते वक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का साथ इन लोगों को मिला। भूपेश बघेल ने उस समय मंच पर से घोषणा की-उनकी सरकार आते के साथ ही बाल्को को गैरकानूनी तरीके से दिए गए लीज को निरस्त करेगी, आदिवासियों को उनेक अधिकार दिए जाएगें।
इस दौरान उनके साथ प्रतिनिधि मंडल में राजिम केतवास, देवेंद्र बघेल, अवधेश मलिक, पुनिराम यादव, राजेन्द्र दीवान, अमृत कैवर्त, अरुण ठाकुर, कमल बारीक, अमर यादव, मनीराम चौहान, फन्दू यादव, नारायण, चन्दर सिंग, धर्मसिंह, राजकुमार कोंध शामिल रहे।