इस्लामाबाद, (mediasaheb.com) बालाकोट में भारतीय हवाई हमले के 43 दिन बाद पाकिस्तानी सेना ने अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों की एक टीम और विदेशी राजनयिकों को वहां स्थित मदरसे और उसके आस-पास के इलाके का दौरा कराया। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। दरअसल, पाकिस्तान दुनिया को यह बताना चाहता है कि यहां कोई आतंकी शिविर नहीं चल रहे हैं और भारत ने उसके वायु क्षेत्र का उल्लंघन किया। उसका यह भी दावा है कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि भारत ने यहीं पर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था। हवाई हमले के बाद काफी दिनों तक यहां पर पत्रकारों के आने पर रोक थी। साथ ही स्थानीय लोगों की इसके आस-पास आवाजाही की भी मनाही थी। विदित हो कि पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को भारत स्थित विदेशी पत्रकारों और राजनयिकों की टीम को यहां से हेलीकॉप्टर में लेकर बालाकोट पहुंची।
यहां पहाड़ियों पर स्थित मदरसे तक पहुंचने के लिए टीम को करीब डेढ़ घंटे तक पैदल भी चलना पड़ा। बीबीसी ने बताया कि जब समूह मदरसे के भीतर पहुंचा तो वहां 12-13 साल के करीब 150 बच्चे मौजूद थे और उन्हें कुरान पढ़ाई जा रही थी। टीम का यह दौरा करीब 20 मिनट तक चला और उन्हें तस्वीरें लेने की इजाजत भी दी गई। इस दौरान पत्रकारों ने कुछ शिक्षकों से बात की। इस दौरान पत्रकारों ने जब स्थानीय लोगों से बात करने की कोशिश की तो उनसे कहा गया, ”जल्दी करें..ज्यादा लंबी बात ना करें।
” पाकिस्तान की सेना के मुताबिक, पत्रकारों की टीम ने चढ़ाई करते वक्त पहाड़ के ढलान पर एक गड्ढा भी देखा जहां भारतीय विमानों ने विस्फोटक गिराए थे। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बताया कि यह पुराना मदरसा है और हमेशा से ऐसा ही था। काफी देर से पत्रकारों को यहां लाने के सवाल पर गफूर ने कहा कि अस्थिर हालात ने लोगों को यहां तक लाना मुश्किल कर दिया था। अब हमें लगा कि मीडिया के टूर के आयोजन के लिए यह सही वक्त है। (हि.स.)।