– एसआईटी ने हाईकोर्ट में दायर किया एक और शपथ-पत्र
नागपुर, (mediasaheb.com ) एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट (#Bombay High court ) की नागपुर बेंच के समक्ष शुक्रवार को एक और शपथ-पत्र दिया है। इसमें पूर्व उप-मुख्यमंत्री अजित पवार (#Ajit Pawar ) को विदर्भ (#Vidarbh ) सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के तहत आने वाली 12 परियोजनाओं से जुड़े घोटालों में क्लीनचिट दी गई है।
एसीबी के एक अधिकारी के मुताबिक नागपुर (#Nagpur ) बेंच के समक्ष एक शपथ-पत्र दायर कर कहा गया है कि राकांपा नेता एवं पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री अजित पवार (#Ajit Pawar ) को वीआईडीसी के तहत 12 सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े मामले में क्लीनचिट दी गई है। इस शपथ-पत्र पर 19 दिसम्बर की तारीख अंकित है। एसीबी (#ACB) ने इससे पहले भी एक शपथ-पत्र दायर किया था। इसमें उसने विदर्भ (#Vidarbh ) क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने में हुई अनियमितताओं में अजित पवार की भूमिका से इनकार किया गया था। राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास आघाड़ी सरकार के प्रदेश में शपथ लेने से एक दिन पहले 27 नवम्बर को यह शपथ-पत्र दायर किया गया था। महाराष्ट्र के बारामती से राकांपा के विधायक अजित पवार 1999-2009 के दौरान कांग्रेस-राकांपा की गठबंधन सरकार में उप-मुख्यमंत्री और जल संसाधन विकास मंत्री थे। अजित पवार वीआईडीसी के चेयरमैन भी थे जिसने विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।
हाईकोर्ट में शुक्रवार को दाखिल शपथ-पत्र के मुताबिक एसीबी के तत्कालीन महानिदेशक संजय बर्वे ने 26 नवम्बर 2018 को अजित पवार के खिलाफ घोटाले की जिम्मेदारी निर्धारित की थी, लेकिन उस वक्त एसीबी की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई थी। इसके साथ ही उस वक्त अजित पवार का जवाब दर्ज नहीं कराया गया था। उस वक्त जांच अधिकारी बर्वे को जितनी जानकारी मिली उस आधार पर अपना मत बनाते हुए उन्होंने अजित पवार पर जिम्मेदारी निर्धारित की थी, लेकिन जैसे ही जांच आगे बढ़ी, इस मामले में बहुत सारे कागजात और सबूत सामने आए, जिसके बाद अजित पवार का बयान दर्ज कराया गया। जांच के दौरान एसीबी ने सिंचाई विभाग से जानकारी मंगवाई थी। जांच के दौरान अजित पवार से कुल 68 सवाल पूछे गए। इनके जवाब मिलने के बाद एसीबी इस नतीजे पर पहुंची कि अजित पवार पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। (हि.स.)।