आदिवासियों की जमीन पर 12 साल से लगी थी रोक
पूर्व सरकार के पास आ चुकी थी खनन के लिए लीज की मांग
रायपुर(media saheb) कबीरधाम जिले के कवर्धा व पंडरिया के 82 गांव बाक्साइट खनन के लिए वेदांत समूह की कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी(बाल्को) को देने की तैयारी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कर रखी थी। लेकिन राज्य में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद इस कदम को रोक दिया गया है। सबसे पहले प्रभावित गांवों में जमीन की खरीद फरोख्त पर 12 साल से लगी रोक हटा ली गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवर्धा के विधायक एवं सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर की पहल पर ये कदम उठाया है।
हाल ही में राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कबीरधाम जिले के 82 गांवों के निवासियों के हक में आदेश जारी किया है। इसके तहत पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में 2007 को जारी आदेश को निरस्त किया गया है। इस आदेश के तहत 82 गांवों के लोगों की निजी स्वामित्व की खरीद-बिक्री पंजीयन पर रोक लगाई गई थी। सरकार ने माना है कि यह रोक भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165(6) के प्रावधान के विपरीत पाई गई है। सरकार के इस फैसले से प्रभावित गांवों के लोगों में खुशी है। इन गांवों का एक प्रतिनिधि मंड़ल वन मंत्री मोहम्मद अकबर से रायपुर में आकर मिला और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है।
मामला वेदांत को बाक्साइड खदान देने का
पूर्ववर्ती सरकार इन 82 गांवों को बाक्साइट खनन के लिए वेदांत समूह की कंपनी देना चाहती थी। जमीन खरीद बिक्री पर रोक को लिए तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि वोरा ने 28 मई 2007 को जारी आदेश में कहा था कि कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड़ के गांन केसमर्दा,रब्दा, मुण्डादादर, एवम सेमसाटा में बाक्साईड खनन के लिए राज्य शासन द्वारा भारत एल्युमिनियम कंपनी कोरबा( बाल्को) को लीज स्वीकृत की गई है। दलदली व उसके आसापस के 15-16 गांवों में खनिज के उत्खनन के लिए लीज की मांग की गई है। इसलिए औद्योगिक एवं आर्थिक दृष्टि से उपरोक्त क्षेत्र का महत्व काफी बढ़ गया है। जिसके कारण इन गांवों के आसपास भूमि की खरीद बिक्री बड़े पैमाने पर की जा रही है। यह आदिवासी एवं बैगा बाहुल्य क्षेत्र है यहां रहने वाले बैगा जनजाति तथा अनंय संवर्ग के किसान अत्यंत सीधे एवं भोले-भाले हैं।
जिसका फायदा उठाकर इनकी जमीन को कम मूल्य पर लेकर इस क्षेत्र के लीजधारी तथा लीज लेने वाले व्यक्ति को अधिक मूल्य पर बेचने की गंभीर संभावना है। इसे देखते हुए गरीब एवं भोले-भाले आदिवासियों व अन्य संवर्गोंं के लोगों की आर्थिक क्षति की संभावना को देखते हुए 82 गांवों की जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगाई जा रही है। खास बात ये है कि कबीरधाम पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह का गृह जिला है।
सरकार के इस फैसले के बाद कबीरधाम जिले से आए प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री मोहम्मद अकबर का आभार व्यक्त किया, जिसमें दुखी राम धुवेँ (प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य छतीसगढ) मुखी राम मरकाम(प्रदेश कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ महामत्री) भोला धुरवे, राजेन्द्र मरकाम ब्लाक अध्यक्ष बोडला यूथ इंटक कांग्रेस, लक्षण मेरावी, जगेशर उईक, महेश चंद्रवंशी व अन्य शामिल थे।
परेशानी में थे लोग, मैंने किया था आग्रह
इन गांवों की जमीन पर खरीद-बिक्री पर 12 साल से लगी रोक को लेकर क्षेत्र के निवासी काफी परेशान थे, पूर्व सरकार के फैसले पर रोक लगाने संबंधी ग्रामवासियों की मांग पर मैंने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया था। अब प्रभावित ग्रामवासियों में खशी है। उन्होंने रायपुर आकर आभार जताया है। मोहम्मद अकबर, कैबिनेट मंत्री,छत्तीसगढ़।