ढाका(media saheb)तेजी से धनी हो रहे लोगों की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में प्रथम स्थान पर है, लेकिन अति गरीब देशों की श्रेणी में बांग्लादेश विश्व में पांचवें स्थान पर है। बांग्लादेश में दो करोड़ 41 लाख लोग अतिदरिद्र हैं। यह खुलासा एक रिपोर्ट से हुआ है। विश्व बैंक ने ‘पॉवर्टी एण्ड शेयर प्रॉस्पेरिटी 2019’ नामक एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें ऐसे दस देशों की तालिका बनायी गयी है, जहां सबसे अधिक संख्या में अति गरीब लोग रहते हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तालिका में भारत शीर्ष पर है। भारत में सर्वाधिक 17 करोड़ 57 लाख लोग अति दरिद्र हैं। भारत के अलावा बांग्लादेश से अधिक अति गरीब लोग नाईजीरिया, कांगो और ईथोपिया में निवास करते हैं। रिपोर्ट की तालिका में शामिल अन्य पांच देशों में तंजानिया, मेडागस्कर, केन्या, मोजाम्बिक और इंडोनेशिया शामिल हैं। क्रय क्षमता की समता (पीपीपी) के अनुसार, जिनकी दैनिक आय एक डॉलर नब्बे सेंट से कम है, उनको अति दरिद्र माना गया है। बांग्लादेश में प्रति पीपीपी डाॅलर की कीमत साढ़े 32 टाका है। इस हिसाब से बांग्लादेश में दो करोड़ 41 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी दैनिक आमदनी 61 टाका 60 पैसे से कम है। बांग्लादेश भी निम्न मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है।
हालांकि विश्व बैंक की ओर से बांग्लादेश को निम्न आय वाले देशों को मिलने वाली सुविधाएं अभी भी दी जा रहीं हैं। निम्न मध्यम आय वाले देश के लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठने के लिये उनकी दैनिक आय कम से कम तीन 3.2 पीपीपी डॉलर होनी चाहिए।
विश्व बैंक के अनुसार, इस आधार पर बांग्लादेश में अति गरीबों की संख्या आठ करोड़ बासठ लाख हो जाएगी, जबकि देश की गरीबी 52 दशमलव नौ प्रतिशत हो जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि गरीबी हटाने के लिए बांग्लादेश को अपने छह करोड़ 21 लाख लोगों की दैनिक आमदनी 3.2 डॉलर करनी होगी। गत सितम्बर महीने में संयुक्त राष्ट्र की एक संसाधन अनुसन्धान संस्था ‘वेल्थ-एक्स’ ने दावा किया था कि बांग्लादेश धनवान पैदा करने वाले देशों में प्रथम स्थान पर है। अगले पांच वर्षों में बांग्लादेश में धनी लोगों की संख्या 11.4 प्रतिशत हो जाएगी। (हि.स.)