रायपुर. ऋतिक जाधव की आंखें मरने के बाद भी दुनिया देख सकेंगी. सोमवार की सुबह एक निजी अस्पताल में मृत्यु के बाद परिजनों ने नेत्रदान करने का फैसला किया. ऋतिक 18 वर्ष की उम्र में किडनी की बीमारी से संघर्ष कर रहे थे. नेत्रदान कर परिजनों ने समाज के सामने मिसाल पेश की है.
ऋतिक जाधव बूढ़ापारा निवासी धर्मेंद्र जाधव के पुत्र थे. धर्मेंद्र जाधव के मित्र और हितवाद न्यूज़ पेपर के यूनिट हेड अनिल पवार ने उनसे बात कर नेत्रदान के लिए राजी किया. श्री पवार ने कहा कि इस माध्यम से ऋतिक के जाने के बाद भी हम उसे जिंदा रख सकते हैं. इस बात से परिजन भी राज़ी हो गए. अब ऋतिक की आंखों के माध्यम से कोई और इस रंगीन दुनिया को देख सकेगा. अम्बेडकर अस्पताल की टीम ने नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की.