मुंबई (mediasaheb.com) | महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच सुप्रीम कोर्ट विपक्षी दलों (शिवसेना, राकांपा-कांग्रेस) की याचिका पर मंगलवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने सोमवार को डेढ़ घंटे सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। विपक्ष ने 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। केंद्र की ओर से कहा गया कि फ्लोर टेस्ट सबसे बेहतर है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह 24 घंटे में ही हो। इस पर राकांपा-कांग्रेस के वकील ने कहा कि जब दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट चाहते हैं तो इसमें देरी क्यों हो रही है? कोर्ट के निर्देश पर विपक्षी दलों को 154 विधायकों के हलफनामे वापस लेने पड़े थे।
जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (केंद्र), कपिल सिब्बल (शिवसेना), अभिषेक मनु सिंघवी (राकांपा-कांग्रेस), मुकुल रोहतगी (देवेंद्र फडणवीस), मनिंदर सिंह (अजित पवार) ने दलीलें पेश की थीं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा राष्ट्रपति शासन हटाने और शपथ ग्रहण कराने के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं करने की मांग की है।
SC के फैसले के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी दल आगे की रणनीति तय करेंगे। उधर, उपमुख्यमंत्री अजित पवार को लेकर NCP प्रमुख शरद पवार फैसला ले सकते हैं। क्योंकि, सोमवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल अजित को मनाने के लिए गए थे। बाहर निकलकर भुजबल ने सिर्फ इतना ही कहा कि अजित से उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर वापस पार्टी में लौटने की अपील की है।(DB)