नई दिल्ली, (mediasaheb.com) । जम्मू-कश्मीर और लद्दाक दो अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेशों के रूप में 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जाएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद इसने कानून की शक्ल ले ली है। इस संबंध में भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 के अनुसार जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केन्द्र शासित राज्य होगा, जबकि लद्दाक बिना विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश होगा। लद्दाक में लेह और करगिल दो जिले शामिल होंगे, जबकि राज्य का शेष हिस्सा जम्मू-कश्मीर प्रदेश के अंतर्गत आएगा। इसमे पाक अधिकृत कश्मीर का क्षेत्र भी शामिल है। राज्य विधानसभा में 107 सीटें होंगी, जिसमें से पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में आने वाली 24 सीटें खाली रहेंगी। जम्मू-कश्मीर विधान परिषद समाप्त कर दी गई है तथा इसमें लंबित सभी मामले खत्म हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाक के लिए एक ही उच्च न्यायालय होगा।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के साथ ही मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाला मंत्रिपरिषद होगा, जिसके फैसलों से उप राज्यपाल को अवगत कराया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर सरकार को पुलिस और कानून-व्यवस्था को छोड़कर राज्य सूची में आने वाले किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार होगा। समवर्ति सूची में आने वाले विषयों पर भी विधानसभा कानून बना सकेगी। संसद को यह अधिकार होगा कि वह जम्मू-कश्मीर के बारे में कोई कानून बना सके।
जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के लिए राष्ट्रपति उप राज्यपाल के रूप में एक प्रशासक की नियुक्ति करेंगे। लद्दाक के लिए भी राष्ट्रपति उप राज्यपाल नियुक्त करेंगे। (हि.स.)