नई दिल्ली, (mediasaheb.com) भारतीय रेलवे ने कोरोना विषाणु की वैश्विक महामारी
से बचने के लिए हर प्रकार की सभी यात्री गाड़ियों के परिचालन पर रोक 14 अप्रैल की मध्य
रात्रि तक बढ़ा दी है। हालांकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के लिए
मालगाड़ियों का परिचालन अनवरत जारी रहेगा।
PM नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार रात 21 दिन के भारत लाॅक
डाउन की घोषणा किये जाने और उसके तुरंत बाद गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के
तहत रेलवे ने यह कदम उठाया है।
रेलवे बोर्ड ने
बुधवार को जारी एक नये परिपत्र में कहा कि मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर, प्रीमियम, उपनगरीय, कोलकाता मेट्रो आदि हर प्रकार की यात्री रेल
सेवाएं 14 अप्रैल
की मध्य रात्रि तक उपलब्ध नहीं होंगी। जबकि मालगाड़ियों का परिचालन निरंतर होता
रहेगा।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट के कारण गुरुवार को देशवासियों से रविवार 22 मार्च को जनता
कर्फ्यू की अपील की थी। इसी क्रम में रेलवे ने इतिहास में पहली बार अभूतपूर्व कदम
उठाते हुए 22 मार्च
को 3700 गैर
उपनगरीय रेलसेवाओं और सैकड़ों की संख्या में उपनगरीय सेवाओं को रद्द करने का ऐलान
किया था। रविवार को ही रेलवे ने 31 मार्च की अर्द्धरात्रि तक देश में को पूरी तरह से
रोकने की घोषणा कर दी थी।
रेलवे बोर्ड ने
सभी ज़ोनल महाप्रबंधकों को सूचित किया है कि कोरोना के कारण 31 मार्च तक सभी
यात्री गाड़ियों को रद्द कर दिया गया है जिनमें शताब्दी, राजधानी, दूरंतो, गतिमान, वंदेभारत, तेजस समेत सभी
प्रीमियम, मेल/
एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, पैसेंजर गाड़ियों
की सेवाएं शामिल हैं।
चेन्नई, दिल्ली, मुंबई आदि शहरों
की उपनगरीय सेवाएं और कोलकाता मेट्रो की जो सेवाएं जिन्हें रविवार को न्यूनतम स्तर
पर चलाने की घोषणा की गयी थी, वे आज रात 12 बजे के बाद पूर्णत: बंद कर दी जाएंगीं।
परिपत्र के अनुसार
जो गाड़ियां 22 मार्च
को सुबह चार बजे से पहले रवाना हुईं हैं, उनको गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। यात्रियों को हर
प्रकार के टिकट को रद्द कराने के नियमों को ढील देते हुए रेलवे ने यह भी कहा है कि
यात्री टिकट रद्द कराके 21 जून
तक पूरा पैसा वापस ले सकेंगे। रेलवे टिकट रद्द कराने एवं रिफंड देने की समुचित व्यवस्था
करेगा। रेलवे ने यह अपील भी की है कि ई टिकट वाले यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने
की जरूरत नहीं है। कैंसिलेशन और रिफंड आटोमैटिक हो जायेगा।
शनिवार रात दस बजे
के बाद किसी भी यात्री गाड़ी को रवाना नहीं किया गया। इससे रात से ही देशभर के
रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
भारतीय रेल
प्रतिदिन करीब 22 हजार
गाड़ियां चलाती है जिनमें 13 हजार
यात्री ट्रेनें और करीब नौ हजार मालगाड़ियां शामिल हैं।(वार्ता)
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