नई दिल्ली (media saheb.com) प्रधानमंद्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सीमापार से होने वाले आतंकवाद से देश का शांतिपूर्ण विकास बाधित हो रहा है। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में शान्ति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पिछले 40 वषों से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। इससे देश के शांतिपूर्ण विकास का काम पटरी से उतर जाता है। अब तो पूरी दुनिया आतंकवाद के खतरे का सामना कर रही है क्योंकि आतंकवाद किसी सीमा के अंदर सीमित नहीं रहता। पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए विभिन्न कदमों के बीच मोदी की दक्षिण कोरिया की यात्रा हुई है।
प्रधामंत्री मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि पूरी मानवता एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़े। आतंकवाद के जाल, उसके आर्थिक स्रोत और आतंकवादियों की आपूर्ति प्रणाली को नेस्तनाबूद किया जाए। साथ ही, आतंकवाद के प्रचारतंत्र और उसकी विचारधारा को निशाना बनाया जाए। ऐसे ठोस प्रयासों से ही घृणा के स्थान पर सौहार्द, विनाश के स्थान पर विकास और हिंसा क्षेत्र को शान्तिस्थल के रूप में बदलने का काम संभव है।
मोदी ने कहा कि वर्ष 1988 में सियोल ओलिम्पिक के समय विश्व में शीत युद्ध के खात्मे के कारण शांति और स्थिरता का दौर शुरू होने की आशा जगी थी लेकिन उसी समय अलकायदा के रूप में दुनिया के सामने नया खतरा पैदा हो गया। उस समय उपजा यह खतरा आज आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता के रूप में दुनिया के लिए सबसे बड़ी समस्या है। मोदी ने कोरिया प्रायद्वीप में तनाव और संघर्ष की स्थिति का उल्लेख करते हुए आशा व्यक्त की कि दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच बातचीत के जरिये आपसी अविश्वास और मनमुटाव को ख़त्म किया जा सकता है।हि.स.