बिलासपुर, (mediasaheb.com) प्रदेश में रेत की अवैध तस्करी को रोकने और रेत माफियाओं पर लगाम कसने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने रेत खदानों को सीएमडीसी के जरिए संचालित करने का फैसला किया है। नई व्यवस्था के तहत राज्य सरकार ने पंचायत को दिए खनन के अधिकार को छीन लिया है। इसको लेकर रेत के अवैध खनन से जुड़े लोगों में आक्रोश है। खनिज अधिकारी आर मालवे ने बताया कि बिलासपुर में 42 रेत घाटों को बंद कर दिया गया है। इससे तत्काल में कुछ समस्या उत्पन्न हो सकती है। जल्द ही आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रेत घाटों के बन्द होने से रेत माफिया भी सक्रिय हो गए हैं। विभागीय निष्क्रियता का लाभ उठाकर रेत माफिया शहर से लगे मंगला, निरतु, सेंदरी, घुटकू जैसे घाटों पर सुबह से देर रात तक अंधाधुंध रेत की तस्करी में लगे हैं।
जानकारी के अनुसार बाजार में रेत की कीमत चार गुना बढ़ गई है। एक हाइवा रेत की कीमत अब 35 सौ से बढ़कर सात हजार में बेची जा रही है। इसका सीधा लाभ माफियाओं को हो रहा है। घाट के बंद होने से रेत की किल्लत हो गयी है, सरकारी काम ठप पड़ गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 144 काम बंद कर दिए गए हैं। अब देखना होगा नई व्यवस्था के पहले सरकार और खनिज अमला रेत माफियाओं पर कैसे लगाम लगा पाएगी और कब तक लोगों को सही कीमत पर रेत मिल पाती है? (हि.स.)।