शनिवार को सुनाई जाएगी सजा, बरी किये गए दोनों आरोपित भारतीय दोषी करार किये गए छह आतंकियों में दो पाकिस्तानी
रामपुर, (mediasaheb.com) रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर 12 साल पहले हुए आतंकी हमले के मामले में एडीजे कोर्ट ने छह लोगों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया। दोषी करार किये गए छह आतंकियों में दो पाकिस्तानी हैं। कोर्ट ने दो आरोपितों को दोष मुक्त करते हुए बरी कर दिया है। शनिवार को कोर्ट इन आरोपितों को सजा सुनायेगी।
रामपुर में 31 दिसम्बर, 2007 की रात आतंकियों ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर उस समय हमला किया था, जब नये साल के स्वागत का जश्न देर रात तक मनाने के बाद पूरा शहर थककर सो चुका था। रात तीन बजे सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड और एके 47 से हमला कर दिया। इस हमले में मौके पर सात जवान शहीद हुए थे जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान चली गई थी। आतंकी सीआरपीएफ सेंटर के हाईवे स्थित गेट से घुसे थे जिसके पास ही रेलवे क्रॉसिंग है। यहीं पर सीआरपीएफ के कुछ जवान आग जलाकर हाथ सेंक रहे थे और कुछ जवान गेट पर तैनात थे। इसी बीच सर्दी में शॉल के अंदर हथियार छुपाकर वहां आए आतंकियों ने अचानक से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। अचानक हुए हमले से जवानों को संभले का मौका नहीं मिला। इसके बाद आतंकी गोलियां और बम बरसाते हुए सेंटर के अंदर तक घुस गए थे।
पुलिस ने इस हमले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इन सभी आरोपितों को लखनऊ और बरेली की जेलों में कड़ी सुरक्षा में रखा गया था। रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमले के सभी आरोपितों को अपर जिला सत्र तृतीय न्यायालय में शुक्रवार को पेश किया गया। प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी कौसर फारुखी तथा बरेली के बहेड़ी निवासी गुलाब खान को दोष मुक्त किया गया है। इसके अलावा कोर्ट ने हमले के मामले में पाक अधिकृत कश्मीर के इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव के फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, मुरादाबाद के मूंढापांडे निवासी जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव के मोहम्मद शरीफ को दोषी मानकर फैसला सुरक्षित कर लिया है। शनिवार को कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनायेगी।
जिला शासकीय अधिवक्ता सरदार दलविंदर सिंह (डम्पी) ने बताया कि मोहम्मद शरीफ, जंग बहादुर, इमरान शहजाद, मोहम्मद फारुख और सबाउद्दीन को आतंकी हमले में दोषी करार दिया गया है। मुंबई गोरेगांव के फहीम अंसारी से पासपोर्ट और पिस्टल वगैरह बरामद हुए थे लेकिन उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं पाई गई है। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के आरोप में पुलिस ने जिन आठ लोगों को पकड़ा, उनमें फहीम अंसारी और सबाउद्दीन सबा मुंबई में हुए 26/11 के हमले में भी आरोपित थे। मुंबई पुलिस ने फहीम और सबा को रेकी करने का आरोपित बनाया था। हालांकि विवेचना के दौरान पुख्ता सबूत न मिलने पर दोनों मुंबई हाईकोर्ट से बरी हो गए थे।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट का फैसला आने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं। कोर्ट परिसर के अलावा सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। (हि.स.)।