फडणवीस सरकार ने किसानों की सभी मांगों को जायज बताया
मुम्बई (media saheb.com) महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार नासिक से मुम्बई के लिए निकले किसानों के पैदल मार्च को 24 घंटे में ही समाप्त करवाने में सफल रही। अपनी मांगें माने जाने का सरकार से लिखित आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने शुक्रवार को पैदल मार्च की समाप्ति की घोषणा कर दी। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजीत नवले के नेतृत्व में प्रदेशभर के किसानों का पैदल मार्च गुरुवार सुबह नासिक जिले के गोदा चौक से राजधानी मुम्बई के लिए निकला था।
किसानों की योजना 27 फरवरी को राजधानी मुम्बई पहुंच कर विधानसभा का घेराव करने की थी। हालांकि यह मोर्चा नासिक के गोदा चौक से गुरुवार शाम को मुम्बई-आगरा मार्ग स्थित बिल्होली चौक तक पहुंचा था कि राज्य सरकार के दो मंत्रियों- गिरीश महाजन और जय कुमार रावल ने वहां पहुंचकर किसान नेताओं से बातचीत की। इसके बाद नासिक जिले के जिलाधिकारी राधाकृष्णन बी और डॉ. नवले एवं विधायक जीवा पांडू गावित के बीच चार बैठकें हुईं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी किसान नेताओं से दूरभाष पर बातचीत की। सरकार की ओर से मांगें माने जाने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद डॉ. नवले ने गुरुवार रात को आंदोलन समाप्त करने पर सहमति जतायी। इसके बाद शुक्रवार को इसकी घोषणा कर दी गयी।
जलसंसाधन मंत्री महाजन ने किसानों की सभी मांगों को जायज बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को शीघ्र पूरा करेगी। इसके लिए हर दो महीने में समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की सभी मांगें पूरी करेगी। उल्लेखनीय है कि किसानों ने पिछले वर्ष 12 मार्च को नासिक से मुम्बई के आजाद मैदान तक मार्च निकाला था। उस दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने किसानों की मांगें एक साल के अंदर पूरा करने का आश्वासन दिया था।
किसानों की 17 मांगों में प्रमुख रूप से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, विकास कार्यों के लिए कृषि भूमि के अधिग्रहण को रद्द करने, सूखा प्रभावित किसानों को कम से कम 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने, बिजली बिल माफ करने, पीने के पानी, जानवरों के लिए चारा उपलब्ध कराने आदि शामिल हैं। इन मांगों को 12 मार्च 2018 को मुख्यमंत्री फडणवीस ने मान लिया था और एक साल के भीतर इस पर ठोस निर्णय करने का आश्वासन दिया था। एक साल पूरा होने में करीब 18 दिन ही बाकी थे कि राज्य सरकार ने किसानों की मांगें माने जाने का लिखत आश्वासन देकर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। नासिक से किसानों का मार्च निकलने से पहले ही राज्य सरकार सक्रिय हो गयी थी। सरकार के प्रतिनिधियों ने किसान नेताओं से बातचीत भी की थी, लेकिन वे सरकार की ओर से लिखित आश्वासन के लिए अड़े थे। हि.स .