रायपुर(media saheb .com) किड्स कॉलेज का पहला वार्षिक उत्सव लाल बाग इन होटल में किया गया। नन्हें-मुन्ने बच्चों ने लूंली डांस-लूंगी डांस, आई एम अ बार्बी गर्ल, आ जा नच ले जैसे गानों पर परफॉर्म देकर दर्शकों को झूमने को मजबूर कर दिया। राधे-कृष्णा, भारत माता की सेवा करने वाले सैनिक और अन्य रूप लेकर पहुंचे बच्चों ने सबको अपने चुलबुली हरकतों से लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। इस अवसर पर बच्चों ने अपनी मां के साथ रैंप कैटवॉक भी किया। वहीं बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं ने दिवारें ऊंची है, गलिय़ां है तंग के गानों पर डांस करके महिलाओं को कमजोर समझने वाले लोगों को सोशल मैसेज दिय़ा। कार्यक्रम के दौरान अपने चुलबुली हरकतों के कारण कार्यक्रम के दौरान बच्चे लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। समारोह में स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं ने भी अपने बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया।
टीचरों ने दीवारें ऊंची है, गलियां है तंग, बेखौफ आजाद है जीना मुझे और आ जा नचले गाने पर डांस परफॉर्म किया। इस अवसर पर बच्चों के माता-पिता के लिए भी उनके जीवन से संबंधित अनछुए पहलुओं को पूचा गया। बच्चों के माता-पिता ने भी उसका अच्छे से जवाब देकर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम में बच्चों ने अपनी मां के साथ रैंप पर कैटवॉक किया। कार्यक्रम के अंत में बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे किड्स कॉलेज स्कूल कॉलेज के डायरेक्टर नितिन चौबे ने स्कूल शुरुआत करने के पल को याद करते हुए कहा कि मेरा बेटा बहुत छोटे उम्र से ही बहुत सवाल पूछता था। ये क्यों हो रहा है, ये कैसे हो रहा है, इससे क्य़ा होगा। तो मैं सोच में पड़ गया, क्या में इसे जहां भेज रहा हूं वो स्कूल इसकी जिज्ञासा को शांत कर पाएगा। इसे लेकर मैं कई स्कूलों में गया। हमारे और अब के जेनरेशन में बहुत अंतर है। आज के बच्चों का आईक्यू लेबल काफी है। इन्हें यू-ट्यूब, गूगल अन्य जगहों से जानकारी मिल रही है। ये हमारे समय नहीं था। छोटे-छोटे बच्चों को अभी से ही कैसे आईक्यू लेबल बढ़ाया जाया, जिससे 10-15 साल इन्हें उस समय समझने या बातों को पकड़ने में कोई दिक्कत ना हो। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर मैंने और मेरी पत्नी ने स्कूल की नींव रखी थी