भिलाई(media saheb.com). पिता की कैंसर से अकाल मौत देखकर मासूम बेटी ने प्रण लिया कि वो अब किसी और बच्चे के सिर से उसके पिता का साया नहीं उठने देगी। डॉक्टर बनकर उन सभी लोगों की मदद करेंगी जिन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाता। अपने इसी सपने को आगे बढ़ाने के लिए जांजगरी चांपा जिले के रसोटा गांव की दीपशिखा रात्रे ने दिन रात मेहनत की। कठिन परिश्रम से अपने दूसरे प्रयास में नीट क्वालिफाई करके अब रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है। दीपशिखा कहती है कि मैं तब तक कोशिश करना नहीं छोड़ती जब तक उस लक्ष्य तक पहुंच न जाऊं। सिंगल पैरेंट्स होने के कारण मां जामकुमारी ने एक-एक पैसा जोड़कर मुझे पढ़ाया है। एमबीबीएस के बाद ऑनकोलॉजिस्ट बनकर कैंसर पीडि़तों की सेवा करना चाहती हूं।
समय पर नहीं डिटेक्ट हो पाया पिता का स्कीन कैंसर
दीपशिखा ने बताया कि जब वो महज 11 साल की थी तभी उनके पिता स्कीन कैंसर की चपेट में आ गए। काफी वक्त तक तो कैंसर डिटेक्ट नहीं हो पाया। जब ट्रीटमेंट चालू हुआ तब तक वो लास्ट स्टेज में पहुंच चुके थे। काफी कोशिशों के बाद भी उनकी जान नहीं बच पाई । पिता की मौत के बाद मां ने मुझे और छोटे भाई को संभाला। आगे की पढ़ाई मैंने नानी के घर रहकर की। 12 वीं बोर्ड में 94.4 प्रतिशत आया तो डॉक्टर बनने के सपने को और भी ज्यादा बल मिल गया। एक साल ड्रॉप लेकर पूरे मन से नीट की तैयारी की। पढ़ाई में किसी तरह की रूकावट न आए इसलिए एक साल तक सोशल मीडिया से भी दूरी बनाई।
कैमेस्ट्री में होती थी बहुत दिक्कत
दीपशिखा ने बताया कि शुरू से कैमेस्ट्री सब्जेक्ट उनका वीक प्वाइंट था। नीट की तैयारी के लिए जब उन्होंने कोचिंग की तलाश की तो सचदेवा के एक्स स्टूडेंट का फीडबैक लेकर वो भिलाई पहुंची। सचदेवा में टीचर्स ने बहुत सरल तरीके से कैमेस्ट्री की पढ़ाई करवाकर उनकी वीकनेस को स्ट्रेंथ में बदल दिया। जब टीचर्स ने न्यूमोनिक्स और डायग्राम से पहली बार कैमेस्ट्री समझाया तो पहाड़ जैसी लगने वाली इनऑर्गेनिक कैमेस्ट्री भी आसान लगने लगी। सचदेवा में कोचिंग की फीस आधी हो जाने के कारण मां को बड़ी सहायता मिल गई। पैसों की दिक्कत के बीच भी पढ़ाई कभी बाधित नहीं हुई। गेस्ट सेशन में सचदेवा के एक्स स्टूडेंट जाने माने हार्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू से मिलकर लगा जैसे मेरी सफलता ज्यादा दूर नहीं है। बस थोड़ा और कोशिश करूंगी तो सीधे डॉक्टर बनकर ही घर जाऊंगी।
जैन सर ने कहा था छोटा-छोटा टारगेट सेट करके उसे अचीव करो
सचदेवा में हर सप्ताह हमारी काउंसलिंग की जाती थी। दीपशिखा ने बताया कि सचदेवा के डॉयरेक्टर चिरंजीव जैन सर ने एक दिन काउंसलिंग में हमें लक्ष्य निर्धारित करने को लेकर बेहद अहम बात बताई। उन्होंने कहा कि लाइफ में बड़ा टारगेट की बजाय छोटा-छोटा टारगेट सेट करके उसे अचीव करना सीखो।जब छोटे लक्ष्य को हासिल कर लोगे तो बड़ा लक्ष्य खुद ब खुद आपके करीब पहुंच जाएगा। उनकी कही बात को अमल करके मैं हर दिन पढ़ाई के लिए एक टारगेट सेट करती थी। कभी भी निगेटिव बातों को खुद पर हावी नहीं होने दिया। रिविजन पर ज्यादा फोकस किया। यही मेरे सक्सेस का प्लस प्वाइंट बना।(the states. news)