रायपुर, (media saheb.com) छत्तीसगढ़ सरकार ने निगम मंडलों में नियुक्ति की जो सूची जारी की थी, उसमें सरगुजा सम्भाग के 2 नामों की पुष्टि नहीं हो पा रही थी, उनका पता अब चल गया है। भवन सहनिर्माण कर्मकार मंडल में सदस्य के तौर पर नियुक्त हुए अनिल सिंह जो की कर्नल हैं। कृषक कल्याण परिषद में शामिल किए गए संजय गुप्ता के बारे में बताया जा रहा है कि वे सूरजपुर वाले नहीं बल्कि सरगुजा वाले हैं। वो भी जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के सगे भाई।
जिले के अनिल सिंह को भवन सहनिर्माण कर्मकार मंडल का सदस्य बनाया गया. लेकिन ये अनिल सिंह कौन है, इसको लेकर कार्यकर्ता भी असमंजस में थे, क्योंकि जिले में कांग्रेस में कई अनिल सिंह है. कोई टीएस सिंहदेव के करीब वाले हैं तो कोई बालकृष्ण पाठक के करीबी माने जाते है । एक अनिल सिंह और भी हैं जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थक माने जाते हैं। आखिरकार कुछ घंटे बाद रहस्य से पर्दा उठा हि गया तो पता चला कि ये तो भूपेश बघेल के समर्थक हैं।
अनिल सिंह युवा कांग्रेस में बेहद ताक़तवर थे. बताया जाता है कि सरगुजा की राजनीति में सबसे ताकतवर नेताओ में शुमार शफी अहमद को अनिल सिंह कर्नल ही छात्र राजनीति में लेकर आए थे. एक जमाने में दोनों स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक हुआ करते थे. लेकिन कुछ कारणवश उनकी सिंहदेव से दूरी बनी जिसके बाद वे हाशिये पर चले गए थे.
अनिल सिंह से ज़्यादा दिलचस्प कहानी संजय गुप्ता है । संजय गुप्ता की नियुक्ति में जिला सूरजपुर लिखा था, जिसकी वजह से गलतफहमी हुई। सुबह से सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ था। शाम तक खोज-खबर चलती रही। किसी ने बताया कि वे सूरजपुर विधायक खेल साय के करीबी एक सामान्य कार्यकर्ता हैं। किसी ने उनकी तलाश भैयाथान में सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर की है, लेकिन आम कार्यकर्ता के रूप में रमेश को तलाश रहे लोगों को पता चला की वे VIP नेता हैं। वे सरगुजा के जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के भाई हैं। राकेश गुप्ता इन दिनों टीएस सिंहदेव के सबसे खासमखास में से एक हैं। सूत्रों से पता चला कि रमेश गुप्ता के नाम के आगे गलती से सूरजपुर लिख गया था। For English News : the states. news